Maharashtra assembly Poll: जाति जनगणना पर बोले पवार, आरक्षण सीमा को लेकर कही ये बात
एनसीपी (सपा) अध्यक्ष शरद पवार ने घोषणा की कि जाति जनगणना से आरक्षण के लिए यह रास्ता साफ हो जाएगा.
caste census: एनसीपी (सपा) अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार (7 नवंबर) को घोषणा की कि जाति जनगणना से आरक्षण की मौजूदा ऊपरी सीमा 50 प्रतिशत को बढ़ाने का रास्ता साफ हो जाएगा. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नागपुर में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आरक्षण नीति को व्यापक रूप से लागू करने के लिए ऐसी जनगणना महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि "हमारी पार्टी पिछले तीन वर्षों से जाति जनगणना की वकालत कर रही है. यह जरूरी है. क्योंकि इससे नीतिगत निर्णयों के लिए आवश्यक वास्तविक जनसांख्यिकीय आंकड़े सामने आएंगे."
राहुल गांधी का समर्थन
पवार ने इस बात पर जोर दिया कि केवल जाति जनगणना से ही आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को बढ़ाने की व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी. यह बात कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कही थी. पवार ने कहा कि अगर राहुल गांधी जो प्रस्ताव दे रहे हैं, वह लागू होता है तो आरक्षण प्रतिशत को संशोधित करने की आवश्यकता होगी. उन्होंने जाति जनगणना के लिए महा विकास अघाड़ी के समर्थन को मजबूत किया.
बता दें कि राहुल ने बुधवार को वादा किया था कि अगर कांग्रेस को देश पर शासन करने का जनादेश मिला तो वह आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को तोड़ देगी और देश भर में जाति जनगणना कराएगी. पवार ने यह भी कहा कि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का मानना है कि महाराष्ट्र की जनता बदलाव चाहती है.
सेना (यूबीटी) घोषणापत्र
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना (यूबीटी) का घोषणापत्र जारी किया, जिसमें पुरुष छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करने और विवादास्पद धारावी पुनर्विकास परियोजना को रद्द करने का वादा किया गया. ठाकरे ने रोजगार सृजन पर भी ध्यान केन्द्रित करने का संकल्प लिया और लोक कल्याण और सतत विकास को प्राथमिकता देने के एमवीए के अभियान विषय पर जोर दिया.