पार्टी, सिंबल सब छीना अब चुनावी मैदान, बारामती में अब पवार Vs सुले
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पार्टी, सिंबल सब छीना अब चुनावी मैदान, बारामती में अब पवार Vs सुले

महाराष्ट्र में बारामती सीट को शरद पवार का गढ़ माना जाता है. उनकी बेटी सुप्रिया सुले चुनावी मैदान में है. हालांकि इस दफा उनका मुकाबला भाभी सुनेत्रा पवार से है.


वैसे तो बारामती लोकसभा सीट महाराष्ट्र में है लेकिन देश की सियासत में इसकी चर्चा खास रही है. इस सीट की अगुवाई कभी शरद पवार किया करते थे. किसी भी सियासी मुद्दे पर अगर बहस हो तो आप शरद पवार को इग्नोर नहीं कर सकते. साल 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर जब शरद पवार ने कांग्रेस से किनारा कर लिया तो शायद ही उन्हें अंदाजा रहा होगा कि करीब 24 साल बाद उन्हें भी अपनी पार्टी में टूट का दिन देखना होगा. जिस अजित पवार को वो अपना बेटा कहा करते थे उसने बगावती तेवर अख्तियार किए और एनसीपी पर अपनी दावेदारी ठोंक दी. बता दें कि महाराष्ट्र में महायुति में अजित पवार सरकार में हैं. हालांकि यहां बात हम बारामती लोकसभी की करेंगे जहां शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और अजित पवार की पत्नी एक दूसरे के आमने सामने हैं. यानी सियासी लड़ाई ननद और भौजाई के बीच है.

शरद पवार मतलब बारामती

शरद पवार जब इस सीट से चुनाव लड़ते थे तो यह मानकर चला जाता था कि दूसरे दल तो सिर्फ अपने आपको दिखाने के लिए चुनावी मैदान में है, दरअसल आंकड़े भी कुछ वैसे ही रहे. बारामती और शरद पवार एक दूसरे के पूरक बन गए. जब बढ़ती उम्र की वजह से उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया तो उस सीट पर उनकी बेटी अपने पिता की छत्रछाया में सियासी सपने गढ़ने लगीं और उसका उन्हें फायदा भी मिला. शरद पवार की राजनीति की एक खासियत भी रही है. आम चुनाव के समय वो अपनी आखिरी रैली क्रिश्चियन कॉलोनी के करीब एक मैदान में किया करते थे. लेकिन इस दफा उस जगह को शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बुक करा लिया है. यानी कि 8 दशक के सियासी जीवन में पहली बार शरद पवार को दूसरी जगह पर रैली करनी पड़ी.

सुप्रिया सुले के खिलाफ सुनेत्रा पवार

अब इस मामले में राजनीति भी हो रही है. शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा कि अजित पवार ने पहले पार्टी तोड़ी, सिंबल छीना और अब जगह भी छीन ली. हकीकत यह है कि अजित पवार जब राजनीतिक पिच पर खेलने के लिए उतरे उससे पहले से पवार साहब इस मैदान के जरिए प्रचार का समापना करते थे. हालांकि हालिया घटनाक्रम हमारे लिए निराशाजनक है. बारामती और यह मैदान पवार साहब के लिए जमीन का टुकड़ा नहीं है बल्कि भावनात्मक तौर पर हम जुड़े हुए हैं. अजित गुट ने जो किया है अब उसे हम नए अंदाज में जनता के सामने रखेंगे. बता दें कि इस सीट पर अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार अपनी ननद के खिलाफ ताल ठोंक रही हैं.

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