का हो भइया जवाब मिलता है सब ठीक, 6वें चरण में यूपी की इन 9 सीटों पर कड़ी टक्कर
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'का हो भइया जवाब मिलता है सब ठीक, 6वें चरण में यूपी की इन 9 सीटों पर कड़ी टक्कर

6वें चरण में यूपी की 14 लोकसभा सीटों पर मत डाले जा रहे हैं.अवध और पूर्वांचल में इन लोकसभा सीटों का फैलाव है जिनमें 9 सीटों पर टक्कर कड़ी है.


6वें चरण में देश भर की 58 सीटों पर मतदान हो रहा है. वहीं यूपी में इस चरण में 14 सीटों पर वोटर्स अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन यहां हम 9 सीटों की खास बात करेंगे. ये सीटें बीजेपी और इंडी ब्लॉक के लिए नाक का सवाल बन चुकी हैं. इस चरण में इंडी ब्लॉक की तरफ से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ज्यादातर सीटों पर ताल ठोंक रहे हैं.अगर 2019 के नतीजों की बात करें तो सिर्फ आजमगढ़ सीट पर सपा ने जीत दर्ज की थी. चार सीट पर बीएसपी के उम्मीदवार कामयाब रहे. 2019 में बीएसपी के तीन जीते हुए सांसद बीजेपी का हिस्सा बन चुके हैं. 2024 के आम चुनाव में जौनपुर से बीएसपी ने श्याम सिंह यादव को एक बार फिर मौका दिया है.

आजमगढ़ सीट का मिजाज

सबसे पहले बात करते हैं आजमगढ़ सीट की, 2019 के आम चुनाव में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बीजेपी उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ के खिलाफ थे. उन्होंने आसानी से जीत दर्ज की थी. लेकिन 2022 में विधायक बनने के बाद अखिलेश यादव ने सांसदी से इस्तीफा दिया और उपचुनाव हुए. उस उपचुनाव में अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव मैदान में थे और बीएसपी की तरफ से गुड्डू जमाली. गुड्डू जमाली के लड़ने का असर यह हुआ कि धर्मेंद्र यादव चुनाव हार गए भले ही अंतर 10 हजार से कम था. लेकिन 2024 में तस्वीर बदली है.

बीएसपी के गुड्डू जमाली अब सपा के साथ हैं. सपा के लिहाज से इस चुनाव की अहमियत को आप ऐसे समझ सकते हैं, पूरा सैफई परिवार आजमगढ़ में कैंप कर गया. डिंपल यादव ने भोजपुरिया अंदाज में मतदाताओं को दिल में उतरने की कोशिश कीं तो अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव ने भी अपने चाचा के लिए वोट मांगे. इस चुनाव में बीजेपी और सपा दोनों के पेशानी पर बल है.दोनों की छटपटाहट की वजह बीएसपी उम्मीदवार है. अगर बीएसपी कैंडिडेट अच्छे तरह से चुनाव लड़ता है तो बीजेपी की राह आसान हो सकती है वहीं बीएसपी प्रत्याशी कमजोर साबित होता है तो सपा को फायदा मिल सकता है.

इन 14 सीटों पर चुनाव

  • सुल्तानपुर (मेनका गांधी बनाम रामभुआल निषाद)
  • प्रतापगढ़(संगम लाल गुप्ता)
  • फूलपुर
  • इलाहाबाद
  • अंबेडकरनगर (रितेश पांडेय)
  • श्रावस्ती (साकेत मिश्रा बनाम राम शिरोमणि वर्मा)
  • डुमरियागंज (जगदंबिका पाल बनाम भीष्म शंकर तिवारी)
  • बस्ती
  • संतकबीरनगर
  • लालगंज
  • आजमगढ़ (धर्मेंद्र यादव बनाम दिनेश लाल यादव)
  • जौनपुर (कृपाशंकर सिंह बनाम बाबू सिंह कुशवाहा)
  • मछलीशहर
  • भदोही

सुल्तानपुर सीट पर कड़ी टक्कर

6वें चरण में इन 14 सीटों में से बीजेपी को 9 सीटों पर कामयाबी मिली थी.दिलचस्प बात यह है कि अंबेडकरनगर सीट से बीएसपी सांसद रहे रितेश पांडे अब बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इसके साथ ही सुल्तानपुर सीट बेहद अहम है. इस सीट पर बीजेपी की तरफ से मेनका गांधी एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं. उनके प्रचार में बेटे वरुण गांधी के साथ साथ निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी कैंप किए हुए हैं.समाजवादी पार्टी की तरफ से राम भुआल निषाद हैं, इसके अलावा सोनू- मोनू ने सपा का दामन थाम लिया है. इसके अलावा राज भैया का समर्थन भी समाजवादी पार्टी को हासिल है ऐसे में सपा को यकीन है कि इस दफा यह सीट उसके नाम होने जा रही है.

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