यूपी में चुनाव लड़ नहीं रहे लेकिन ठसक कम नहीं, अध्यक्ष अजय राय ने बताई वजह
कांग्रेस ने यूपी विधानसभा उप चुनाव नहीं लड़ने का फैसला क्यों किया। इस संबध में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि आखिर वो वजह क्या थी।
UP Assembly By Polls 2024: कांग्रेस का यूपी विधानसभा उपचुनाव की 10 सीटों में से पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का इरादा था। लेकिन अब एक भी सीट पर वो पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही। हालांकि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party UP By Election) की तरफ दो सीटें खैर और गाजियाबाद दी गई थी। सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। सियासी गलियारों में चर्चा हो रही थी कि समाजवादी पार्टी ने जिन दो सीटों को कांग्रेस के लिए सही समझा उन सीटों पर पार्टी को पिछले तीन और चार दशक में जीत नहीं मिली थी। यानी कि कांग्रेस के लिए सौदा बेहतर नहीं था।
'जंगल राज के खात्मे के लिए'
अब इस विषय कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय राय(Ajay Rai UP Congress President) ने एक मीडिया संस्थान को साक्षात्कार में कहा कि यूपी में जंगल राज है - बहुत अधिक अपराध, हिरासत में मौतें। इस जंगल राज को खत्म करने के लिए हमने सपा को ये उपचुनाव लड़ने देने का फ़ैसला किया और इसके बदले में उन्हें समर्थन देने का फैसला किया। लेकिन क्या वजह सिर्फ यही है।
हम कार्यकर्ताओं को बता रहे हैं कि जंगल राज के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना जरूरी है। उपचुनावों से यह संदेश 2027 तक बहुत दूर तक जाएगा। जनता चाहती है कि हम एकजुट होकर चुनाव लड़ें और यही सबसे जरूरी है। हमने इस बारे में सोचा और अपने कार्यकर्ताओं से बात की और फैसला किया कि सभी सीटें सपा के लिए छोड़ दी जानी चाहिए, कांग्रेस के समर्थन से। हम अपने कार्यकर्ताओं को समझा रहे हैं कि 2027 विधानसभा (UP Assembly Elections 2027)चुनाव सामने हैं और हमें विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा।
बड़े भाई हैं और ऐसा ही रहेगा
कांग्रेस गठबंधन में 'बड़े भाई' की भूमिका में रही है और ऐसा ही होगा। हमने गठबंधन के सहयोगियों को साथ लिया है और भविष्य में भी उन्हें साथ लेकर चलेंगे। जैसा कि मैंने कहा, जनता चाहती है कि हम एकजुट होकर चुनाव लड़ें। हमने पहले भी चुनाव लड़ा है और भविष्य में भी एक छत्र के नीचे चुनाव लड़ेंगे। अजय राय ने कहा कि दरअसल बीजेपी तो उप चुनाव हारने जा रही है,लिहाजा लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम कर रही है। कांग्रेस की अगुवाई में जब इंडिया गठबंधन ने मोदी सरकार के खिलाफ लड़ने का बिगुल बजाया उस वक्त ही हमारा इरादा साफ था कि बड़ी लड़ाई में छोटे मोटे अवरोधों को दरकिनार कर आगे बढ़ना है।
आम लोगों की राय
अब कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय के इस तर्क पर आम लोग क्या समझते हैं पहले उसे जानिए। वाराणसी के रहने वाले शरद सिंह कहते हैं कि हकीकत यह है कि यूपी में कांग्रेस का अस्तित्व ही दूसरों के ऑक्सीजन पर है। यानी कि वो समाजवादी पार्टी की तरफ इशारा कर रहे थे। उनका कहना है कि बैसाखी के सहारे कांग्रेस इस प्रदेश में जमीन बनाना चाहती है। लेकिन आप दूसरों से मदद मांगेंगे तो उसके दबाव को तो स्वीकार करना ही होगा। आपने देखा होगा कि कैसे पहले पांच सीट की मांग फिर तीन फिर दो और बाद में समाजवादी पार्टी ने कह दिया बात जीत की है, लिहाजा अब हमारे सिंबल पर ही सभी उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। अगर कांग्रेस के उम्मीदवार भी साइकिल के सिंबल पर चुनाव लड़ते तो जगहंसाई कुछ अधिक ही होती।
कुछ इसी तरह की राय कानपुर के रहने प्रशांत शुक्ला की भी है। उनके मुताबिक जमीन पर कांग्रेस शून्य है। जो कुछ सीटें आईं वो समाजवादी पार्टी के समर्थन से आई। ऐसे में कांग्रेस को भी पता है कि वो ज्यादा अकड़ कम से कम यूपी में तो नहीं दिखा सकती