UP By Elections : अखिलेश यादव ने क्यों और किसके लिए कहा 'टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे' !
उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर होने वाले उपचुनावों की तारीख में बदलाव किया गया है. पहले ये चुनाव 13 नवम्बर को होने वाले थे अब 20 तारीख को होंगे.
UP Bye elections: चुनाव आयोग ने केरल, उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने जा रहे उपचुनावों की तारीख में बदलाव किया है. पहले जहाँ ये उपचुनाव 13 नवम्बर को होने वाले थे अब इनकी तारीख बदल कर 20 नवम्बर कर दी गयी है. इन उपचुनावों में उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं.
चुनाव की तारीख बदलने पर सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया है और उसके पीछे का कारण भी बताया है.
त्यौहार आदि के कारण बदली तारीख
चुनाव आयोग ने उपचुनाव की तारीख बदलने का कारण बताते हुए ये कहा है कि करी राजनितिक दलों बीजेपी, कांग्रेस, बसपा, लोग दल आदि ने चुनाव आयोग के समक्ष ये कहा कि इन दिनों त्यौहारी सीजन है और कई सामाजिक कार्यक्रमों का अवसर है, ऐसे में चुनाव की तारीख होने की वजह से बड़ी संख्या में वोटर कहीं न कहीं चुनाव में अपना योगदान नहीं दे पायेंगे, इसलिए चुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए. चुनाव आयोग ने रानीतिक दलों की इस दरखास्त पर विचार करते हुए 13 नवम्बर को होने वाले चुनावों की तारीख अब 20 नवम्बर कर दी है.
टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 4, 2024
पहले मिल्कीपुर का उपचुनाव टाला, अब बाक़ी सीटों के उपचुनाव की तारीख़, भाजपा इतनी कमजोर कभी न थी।
दरअसल बात ये है कि उप्र में ‘महा-बेरोज़गारी’ की वजह से जो लोग पूरे देश में काम-रोज़गार के लिए जाते हैं, वो दिवाली और छठ की छुट्टी लेकर उप्र आए हुए…
शुरू हुई राजनीती
चुनाव आयोग के इस फैसले पर अब राजनीती शुरू होने के साथ साथ आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तारीख बदलने पर बीजेपी को लेकर तंज कसा है. अखिलेश यादव ने 'X' पर पोस्ट करते हुए कहा है की 'टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे!'
उन्होंने लिखा ''पहले मिल्कीपुर का उपचुनाव टाला, अब बाक़ी सीटों के उपचुनाव की तारीख़, भाजपा इतनी कमजोर कभी न थी' दरअसल बात ये है कि उप्र में ‘महा-बेरोज़गारी’ की वजह से जो लोग पूरे देश में काम-रोज़गार के लिए जाते हैं, वो दिवाली और छठ की छुट्टी लेकर उप्र आए हुए हैं, और उपचुनाव में भाजपा को हराने के लिए वोट डालनेवाले थे. जैसे ही भाजपा को इसकी भनक लगी, उसने उपचुनावों को आगे खिसका दिया, जिससे लोगों की छुट्टी ख़त्म हो जाए और वो बिना वोट डाले ही वापस चले जाएं.
ये भाजपा की पुरानी चाल.
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