यूपी में दो लड़कों की जोड़ी फेल ! एग्जिट पोल में एनडीए को फिर बढ़त
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यूपी में दो लड़कों की जोड़ी फेल ! एग्जिट पोल में एनडीए को फिर बढ़त

यूपी में एनडीए या इंडी गठबंधन किसका सिक्का चलेगा. लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक राहुल गांधी- अखिलेश यादव की जोड़ी को जनता नकारती नजर आ रही है.


Uttar Pradesh Exit Poll 2024: सातवें और अंतिम चरण के साथ ही देश के सबसे बड़े सूबे में से एक यूपी में चुनाव संपन्न हो चुका है. सभी 80 सीटों के लिए मतगणना 4 जून को होनी है जिसमें औपचारिक नतीजों का ऐलान होगा. क्या यूपी में एनडीए पहले की तरह प्रदर्शन करेगा. क्या दो लड़कों की जोड़ी यानी राहुल गांधी- अखिलेश यादव पीएम मोदी को परास्त कर पाएंगे. क्या बीएसपी सुप्रीमो मायावती का चुनाव चिन्ह हाथी सबको रौंदते हुए आगे बढ़ जाएगा. इन सभी सवालों के जवाब चार जून को मिलेंगे. लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ चुके हैं. यहां बता दें कि यह सिर्फ अनुमान है. इसका एग्जैक्ट नतीजों से लेना देना नहीं हैं. लेकिन इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हवा किस तरफ बह रही है.

इंडी गठबंधन पर एनडीए भारी

एक्सिस माय इंडिया सर्वे के मुताबिक 2024 के आम चुनाव में एग्जिट पोल एनडीए के पक्ष में 70 से 72 सीटें दिखा रहा है जिसमें बीजेपी की सीट संख्या 66 से 68 के बीच है. वहीं सहयोगी दलों के खाते में एक एक सीट जाती नजर आ रही है. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी की बात करें तो उनके खाते में सात से 12 सीट, कांग्रेस के खाते में एक से 2 सीट और बीएसपी की झोली खाली नजर आ रही है.

क्या कहते हैं जानकार

सीटों की इस संख्या पर जानकारों का क्या कहना है उसे समझना जरूरी है. गोरखपुर के पत्रकार अजीत सिंह कहते हैं कि पूर्वांचल में जिस बड़े खतरे का डर था वो इस एग्जिट पोल के नतीजे से दूर होता दिख रहा है. वो यह भी कहते हैं कि इंडिया गठबंधन को यह अच्छी तरह से पता था कि वो जमीन पर बीजेपी को कड़ी टक्कर नहीं दे सकते. लिहाजा उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की वो पीएम मोदी को टक्कर दे रहे हैं. इसके साथ ही जिस तरह से उन्होंने पीएम मोदी पर कटाक्ष किया उसकी वजह से भी जनता दूर होती गई. इसके अलावा मतदाताओं के दिल और दिमाग में कहीं न कहीं यह बात थी कि चुनाव राष्ट्रीय स्तर का है और कमान उस शख्स के हाथ में होनी चाहिए जिसकी अपनी धमक हो. इसके अलावा बीएसपी के अकेले चुनाव लड़ने की वजह से जमीनी स्तर पर वोटों का बंटवारा हुआ है और उसका असर एग्जिट पोल के नतीजों में नजर भी आ रहा है.
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