हरियाणा के लिए क्या है बीजेपी की योजना, तीन महीने बाद होने हैं प्रदेश में चुनाव
बीजेपी ने हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव की तयारी शुरू कर दी है, बीजेपी के पास मुश्किल से 3 से 4 महीने का ही समय बचा है. लोकसभा चुनाव में जिस तरह से नतीजे आये हैं, वो स्पष्ट करते हैं कि बीजेपी का तीसरी बार राज्य में सरकार बनाना बेहद मुश्किल है.
BJP in Haryana: बीजेपी ने हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव की तयारी शुरू कर दी है, ख़ास तौर से नाराज़ समझे जाने वाली जाट बिरादरी को मनाने का प्रयास. दरअसल आज हरियाणा कांग्रेस का बड़ा नाम किरण चौधरी ने अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ बीजेपी ज्वाइन की है. उसी से कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी ने हरियाणा के नाराज वर्ग को मनाने की कवायद शुरू कर दी है. वहीँ दूसरी ओर ये भी कहा जा रहा है कि बीजेपी के पास मुश्किल से 3 से 4 महीने का ही समय बचा है क्योंकि अक्टूबर के बाद कभी भी चुनाव हो सकते हैं. लोकसभा चुनाव में जिस तरह से नतीजे आये हैं, वो स्पष्ट करते हैं कि बीजेपी का तीसरी बार राज्य में सरकार बनाना बेहद मुश्किल है.
बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद जिस तरह से इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर अपने दम पर सरकार बनायी उसमें कहीं न कहीं मोदी मैजिक भी शामिल रहा. हालाँकि 2019 में जब बीजेपी ने दूसरी बार सरकार बनायी तो उसमें बीजेपी को जननायक जनता पार्टी की मदद लेनी पड़ी और दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री पद देना पड़ा. लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही प्रदेश में गठबंधन टूट गया और फिर बीजेपी ने दो बार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बदल दिया. इसके पीछे दो कारण रहे कि राज्य में विरोधी लहर को दबाया जा सके. हालाँकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 10 में से केवल 5 सीट ही मिली, यानि बीजेपी को पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 50% का नुक्सान हुआ और कांग्रेस को पिछली बार के मुकाबले 0 के बदले 5 सीटें मिली. जो बहुत बड़ा फायदा है.
क्या विकल्प हैं बीजेपी के पास
1- बीजेपी को ये अच्छी तरह मालूम है की राज्य की बड़ी आबादी में से एक जाट बिरादरी में उसके प्रति नाराज़गी है, इसलिए बीजेपी प्रदेश बड़े जाट प्रतिनिधियों को साधने में लगी है. इसके अलावा प्रदेश में जो अन्य ओबीसी जातियां हैं, उन पर भी बीजेपी की नज़र है, यही वजह भी है कि बीजेपी ने खट्टर को हटा कर सैनी समाज से आने वाले नायब सिंह सैनी को मुख्य मंत्री बनाया, जो ओबीसी वर्ग से आते हैं.
2- जिस तरह से किसान आन्दोलन हुआ, उसे लेकर हरियाणा का किसान भी मोदी सरकार से नाराज़ है. ये बात और है कि वो पंजाब के किसानों की तरह उतनी संख्या में सड़कों पर नहीं उतरा था, लेकिन फिर भी उसके मन में नाराज़गी है. देखना ये होगा कि आखिर कैसे बीजेपी इस वर्ग की नाराज़गी दूर कर पाती है.
3- महिलाओं और युवाओं को लेकर भी बीजेपी कुछ योजना तैयार कर रही है ताकि चुनाव में इनको साधते हुए अपने पक्ष में बड़ी संख्या में वोट जुटा सके.
सूत्रों का कहना है कि जल्द ही हरियाणा की बीजेपी सरकार सभी वर्गों के लिए नयी योजनाओं को लागू करने वाली है, जिसमें युवाओं के लिए नौकरी, खिलाडियों के लिए नयी नयी घोषणा कर सकती है. हाल ही में हरियाणा सरकार ने प्रदेश में महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा शुरू की है.
कांग्रेस के लिए आप भी बन सकती है वोट कटवा
जानकारों का कहना है कि आम आदमी पार्टी भी प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेगी. लोकसभा चुनाव में वो कांग्रेस के साथ मिल कर लड़ी थी लेकिन विधानसभा में अलग लड़ेगी. वो यहाँ भी दिल्ली और पंजाब की तरह कई मुफ्त योजनाओं का एलान करके जनता का वोट हासिल करना चाहेगी. ऐसे में बीजेपी से नाराज वर्ग को आप भी आकर्षित कर सकती है और ऐसा होता है तो ये कांग्रेस के लिए नुकसानदायक हो सकता है. वहीँ जेजेपी को भी बीजेपी का साथ देने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में उसे 1 सीट भी नहीं मिली. जाटों की नाराज़गी भी जेजेपी को झेलनी पद सकती है.