कंगना में मीरा की भक्ति-लक्ष्मी बाई की शक्ति, लेकिन क्या है मंडी का मिजाज
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हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा से कंगना रनौत बीजेपी की उम्मीदवार हैं.

'कंगना में मीरा की भक्ति-लक्ष्मी बाई की शक्ति', लेकिन क्या है 'मंडी' का मिजाज

हिमाचल प्रदेश की सभी चार लोकसभा सीट के लिए 1 जून को मतदान होगा. मंडी लोकसभा सीट पर कंगना रनौत का मुकाबला कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह से है.


Kangana Ranaut News: चुनावी रण से पहले बिंदास अंदाज, कड़क तेवर वाली कंगना को पहले आपने सिल्वर स्क्रीन पर देखा होगा.लेकिन इस समय वो मंडी में आम लोगों के पसीना बहा रही हैं. अपने बेबाक बोल के जरिए वो कांग्रेस की नीतियों को मंडी की बर्बादी के लिए जिम्मेदार ठहरा रही हैं. कंगना के चुनावी कैंपेन को धार देने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके लिए प्रचार किया.अपने भाषण में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कंगान रनौत में मीरा बाई की भक्ति और समर्पण के साथ लक्ष्मी बाई जैसी बहादुरी है. कंगना रनौत आप के लिए वो आवाज हैं जो हमेशा आपके लिए ढाल बनने का काम करेंगी. आप की उम्मीदों पर खरा उतरेंगी. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कंगना रनौत में कठिन श्रम, जुनून, विकास के लिए तड़प, कलाकारों वाली संवेनशीलता का संगम है.

योगी आदित्यनाथ ने की तारीफ

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहाड़ की एक लड़की मायानगरी मुंबई जाती है और खुद की मेहनत से मुकाम हासिल करती है.आज देश में एक ही नारे की गूंज है अबकी बार मोदी सरकार.अबकी बार 400 के पार. जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे के गाने के साथ पूरा देश मोदी जी के लिए उठ खड़ा हुआ है. मंडी के लोगों से अपील है कि वो कंगना के साथ खड़े हों ताकि राष्ट्र निर्माण के काम में मोदी जी के साथ कंगना योगदान दे सकें. आज लड़ाई राम द्रोही और राम भक्तों के बीच है.

कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह से मुकाबला
विपक्षी गठबंधन की आलोचना करते हुए आदित्यनाथ ने इंडी गठबंधन को 'भानुमति का पिटारा' कहा और आरोप लगाया कि कांग्रेस का घोषणापत्र मुस्लिम लीग की नकल है, जिसका उद्देश्य विरासत कर और व्यक्तिगत कानून के कार्यान्वयन के माध्यम से देश में तालिबान जैसा शासन लागू करना है। उन्होंने प्रस्तावित विरासत कर की तुलना औरंगजेब के जजिया कर से की और कहा कि भारत शरिया कानून से नहीं, बल्कि बाबा साहब के संविधान से चलेगा. मंडी में कंगना रनौत का मुकाबला कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह से है, यह निर्वाचन क्षेत्र वीरभद्र परिवार के गढ़ के रूप में कांग्रेस के लिए प्रतीकात्मक महत्व रखता है. हिमाचल प्रदेश में 2024 के आम चुनाव के लिए मतदान 1 जून को होना है.

मंडी में कंगना की राह कितनी आसान

अब इन नारों के बीच क्या कंगना रनौत की जीत आसान है. इस संबंध में चंडीगढ़ स्थित वरिष्ठ पत्रकार हरीश मानव कहते हैं कि देखिए चुनाव एकाएक किसी के पक्ष में पलट सकता है. लेकिन अगर मौजूदा समय की बात करें तो कांग्रेस की तरफ से विक्रमादित्य सिंह चुनावी मैदान में हैं. वो वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह के बेटे हैं. मंडी लोकसभा से इस परिवार का दशकों पुराना नाता है. एक तरह से आप कह सकते हैं कि गांव गांव घर घर तक इस परिवार की पकड़ है. ऐसे में कंगना की राह बहुत आसान नहीं है. यह बात सच है कि वो मंडी के लोगों को भरोसा दिला रही हैं कि वो हमेशा के लिए ऐसे जुड़ी रहेंगी. हालांकि विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि हार के बाद वो इस इलाके में सिर्फ पर्यटन करने के मकसद से आएंगी. हरीश मानव कहते हैं कि अगर विक्रमादित्य सिंह की जगह कांग्रेस से कोई और चेहरा रहा होता तो कंगना के लिए जीत आसान होती.
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