एक साल में खत्म हो गई थीं सारी सेविंग्स, आज एक मजबूत कपल की मिसाल
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Tahira Kashyap, Ayushmann Khurrana

एक साल में खत्म हो गई थीं सारी सेविंग्स, आज एक मजबूत कपल की मिसाल

ये किस्सा सिर्फ एक कपल की आर्थिक जद्दोजहद का नहीं, बल्कि एक औरत की आत्मनिर्भरता, आत्म-सम्मान और समझदारी का प्रतीक है.


ये कहानी है आयुष्मान खुराना और उनकी पत्नी ताहिरा कश्यप की, जिन्होंने अपनी शादी के शुरुआती सालों में आर्थिक संघर्ष का सामना किया. हाल ही में एक इंटरव्यू में ताहिरा ने खुलासा किया कि शादी के बाद एक समय ऐसा भी आया था जब उनके बैंक अकाउंट में एक भी रुपया नहीं बचा था. ताहिरा ने बताया कि शादी के बाद जब वो मुंबई शिफ्ट हुए. उस समय वो नौकरी नहीं कर रही थीं. हालांकि उनके पास पहले की नौकरी से कुछ सेविंग्स थीं, लेकिन वो धीरे-धीरे खत्म हो गईं क्योंकि घर का सारा खर्च वही उठा रही थीं. आयुष्मान उस समय इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे और उनकी कमाई भी बहुत ज्यादा नहीं थी.

‘मैंने कभी किसी से पैसे नहीं मांगे’

ताहिरा ने बताया कि उन्हें हमेशा से आत्मनिर्भर रहना पसंद रहा है और उन्होंने कभी अपने माता-पिता से भी पैसे नहीं मांगे थे. यही कारण था कि उन्होंने अपने पति आयुष्मान से भी आर्थिक मदद नहीं मांगी. वो खुद काम की तलाश कर रही थीं, लेकिन उन्हें जो जॉब मिली थी. एक पीआर एजेंसी में वो उन्हें पसंद नहीं आई. इस कारण वो आर्थिक रूप से भी परेशान थीं.

ताहिरा ने एक दिल छू लेने वाला किस्सा शेयर किया कि एक दिन आयुष्मान ने उनसे पूछा कि वो आम क्यों नहीं ला रहीं, तो वो अचानक रोने लगीं. उन्होंने गुस्से में कहा, तुम्हें लगता है कि घर का राशन कहां से आ रहा है? सब कुछ मेरी सेविंग्स से चल रहा है और अब मेरा बैंक बैलेंस जीरो है. इस पर आयुष्मान चौंक गए और पूछा, तुमने मुझे बताया क्यों नहीं? ताहिरा ने जवाब दिया कि वो कभी किसी से पैसे मांग ही नहीं सकतीं.

एक साल में खत्म हो गई थीं सारी सेविंग्स

ताहिरा ने बताया कि शादी के बाद सिर्फ एक साल के अंदर ही उनकी सारी बचत खत्म हो गई थी. हालांकि ये दौर मुश्किल था, लेकिन दोनों ने मिलकर इसका सामना किया. उस वक्त तक आयुष्मान ने वीजे (VJ) के तौर पर अपना करियर शुरू किया था और धीरे-धीरे उनकी प्रोफेशनल जिंदगी में स्थिरता आने लगी.

आज एक मजबूत कपल की मिसाल

साल 2008 में शादी करने वाले इस कपल के दो बच्चे हैं बेटा विराजवीर और बेटी वरुष्का. आज दोनों अपने-अपने फील्ड में सफल हैं, लेकिन ताहिरा की ये कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो जीवन में आत्मनिर्भर रहना चाहते हैं और मुश्किल समय में भी हार नहीं मानते.

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