Lata Mangeshkar और Raj Singh Dungarpur की एक अधूरी प्रेम कहानी
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Lata Mangeshkar और Raj Singh Dungarpur की एक अधूरी प्रेम कहानी

भारतीय संगीत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जीवन भले ही संगीत को समर्पित रहा, लेकिन उनकी निजी जिंदगी में एक अधूरी प्रेम कहानी भी छुपी हुई थी.


भारत की सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर जब 2022 में इस दुनिया से चली गईं, तो उनकी जिंदगी से जुड़े कई अनकहे किस्से सामने आए. उन्हीं में से एक था उनका क्रिकेट प्रेम और ये सच कि उन्हें भारत में खेले जाने वाले हर क्रिकेट मैच के लिए फ्री टिकट मिला करता था, लेकिन इसके पीछे की असली कहानी कम ही लोग जानते हैं. ये सुविधा राज सिंह डूंगरपुर की वजह से मिलती थी, जिन्हें अक्सर लता जी के सच्चे प्रेम के रूप में देखा जाता है.

राज सिंह डूंगरपुर कौन थे?

राज सिंह डूंगरपुर का जन्म राजस्थान के डूंगरपुर राजघराने में हुआ था. वो महारावल लक्ष्मण सिंहजी के सबसे छोटे बेटे थे. क्रिकेट के प्रति गहरा जुनून रखने वाले राज सिंह ने राजस्थान और सेंट्रल जोन की ओर से रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी में हिस्सा लिया था. संन्यास के बाद वो एक क्रिकेट फैन बने और भारतीय टीम के कई दौरों के दौरान मैनेजर की भूमिका निभाई. 1990 के दशक में वो BCCI के अध्यक्ष भी रहे. आपको बता दें, लता मंगेशकर और राज सिंह की पहली मुलाकात 1960 के दशक में हुई थी. लता जी के छोटे भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर, जो क्रिकेट के बड़े फैन थे, राज सिंह के दोस्त थे. इसी मित्रता के जरिए लता जी और राज सिंह करीब आए.

कई रिपोर्ट्स के मुताबिक राज सिंह लता जी के लिए बेहद समर्पित थे और उनसे प्रेम करते थे, लेकिन ये प्रेम कहानी कभी शादी तक नहीं पहुंच पाई. राज सिंह डूंगरपुर भले ही राजगद्दी के उत्तराधिकारी नहीं थे, लेकिन वो शाही परिवार से थे. उनके परिवार को ये रिश्ता मंजूर नहीं था क्योंकि डूंगरपुर राजघराने की परंपरा थी कि राजपूत वंश के सदस्य केवल अपने समुदाय में विवाह करें. वही लता मंगेशकर के परिवार की इच्छा थी कि वो किसी मराठी परिवार में शादी करें. राज सिंह ने अपने परिवार के खिलाफ संघर्ष किया, लेकिन अंत में दोनों ने कभी शादी न करने का फैसला किया. इसके बावजूद उनका रिश्ता जीवनभर कायम रहा.

साल 2004 में दिए गए एक इंटरव्यू में राज सिंह डूंगरपुर ने कहा था कि ये बहुत ही निजी मामला है. हम दोनों अलग-अलग शहरों से थे. 60 के दशक का समय आज से बहुत अलग था. शायद हम दोनों अपने-अपने परिवारों से बहुत ज्यादा जुड़े हुए थे. ये बस एक ऐसी चीज थी जो कभी नहीं हो पाई, लेकिन इससे हमारे रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ा. आज भी उनके संपर्क में हूं.

वहीं, लता मंगेशकर ने इस रिश्ते पर कभी खुलकर कुछ नहीं कहा. जब एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि राज सिंह आपके सच्चे प्रेमी थे या नहीं, तो उन्होंने केवल इतना कहा कि कुछ बातें सिर्फ दिल के लिए होती हैं. इसे वैसा ही रहने दीजिए. लता मंगेशकर ने अपने 80वें और 90वें दशक तक भी गाना जारी रखा. 2022 में 92 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा.

एक अनकही प्रेम कहानी, जो अमर रहेगी

लता मंगेशकर और राज सिंह डूंगरपुर का रिश्ता शादी के बंधन में नहीं बंध सका, लेकिन ये प्यार और सम्मान की मिसाल बन गया. दोनों ने शादी नहीं की लेकिन एक-दूसरे के जीवन में हमेशा खास जगह बनाई रखी. शायद यही सच्चा प्रेम होता है. जहां कोई शर्त न हो, कोई नाम न हो, लेकिन सम्मान और अपनापन हमेशा बना रहे.

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