Chunky Panday ने Ananya Panday को बचाया था संघर्षों से, कहा- घर-घर जातक मैं पूरी तरह टूट गया
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Chunky Panday ने Ananya Panday को बचाया था संघर्षों से, कहा- 'घर-घर जातक मैं पूरी तरह टूट गया'

एक्ट्रेस अनन्या पांडे और उनके पिता चंकी पांडे ने एक खुलकर बातचीत के दौरान अपने करियर के संघर्षों के बारे में खुलकर बात की. चंकी ने खुलासा किया कि कैसे उन्होंने 90 के दशक में सफर तय किया था.


एक्ट्रेस अनन्या पांडे अक्सर स्टार किड लेबल के तहत जीवन जीने की चुनौतियों के बारे में मुखर रही हैं, उन्होंने खुलासा किया कि बॉलीवुड में उनका सफर काफी संघर्षों से भरा हुआ था. हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपने पिता और एक्टर चंकी पांडे को बचपन के दौरान बुरे दौर का सामना करते हुए देखने के बारे में खुलकर बात की. चंकी ने खुद इस कठिन दौर पर विचार किया और खुलासा किया कि उन्होंने उस समय अनन्या को अपने फिल्म सेट से दूर रखने का फैसला क्यों किया था.

चंकी ने आगे बताया कि साल 1980 और 1990 के दशक की शुरुआत में एक सफल करियर के बाद, मुख्य भूमिकाओं के अवसर कम हो गए, जिससे उन्हें किरदार की ओर रुख करना पड़ा और अंत में बांग्लादेश में काम तलाशना पड़ा था. आप कभी सेट पर क्यों नहीं आए क्योंकि जब आपकी मां और मेरी शादी हुई, मैं उस बुरे दौर में था. मैं अभी बांग्लादेश से लौटा था और अपने लिए काम पाने की कोशिश कर रहा था. मैं कभी भी आपको सेट पर या मां को सेट पर बुलाने की बात में नहीं पड़ा और ये बस इसी तरह बना रहा.

90 के दशक में 'आंखें' की सफलता के बाद ऑफर्स काफी कम हो गए. चंकी ने स्वीकार किया कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है जैसे वो अपने करियर के अंत तक पहुंच गए हैं।. उन्होंने कहा, फिल्म आंखें के बाद मुझे जो एकमात्र फिल्म मिली वो तीसरा कौन थी और उसके बाद ये फिल्म पूरी तरह से खत्म हो गई, इसलिए, मैं बांग्लादेश गया और वहां फिल्में करने लगा. सौभाग्य से, उन्होंने काम किया. मैंने चार-पांच साल तक उसे ही अपना घर बना लिया था.

उन्होंने आगे बताया कि वो अनुभव मेरा काफी डरावना था, क्योंकि चंकी को रहने के लिए साधन तलाशने पड़ते थे, एक इवेंट कंपनी शुरू करने से लेकर संपत्ति का कारोबार करने तक. मैंने काम करना बंद नहीं किया. मैंने अपने अहंकार को अंदर रखा और कहा कि मुझे जीवित रहने की जरूरत है. इसलिए, इस प्रक्रिया के दौरान मैंने बहुत कुछ सीखा. मैं पूरी तरह से टूट चुका था. उन्होंने कभी भी अपने माता-पिता पर भरोसा नहीं किया या यहां तक कि अपनी पत्नी को भी अपने संघर्षों की सीमा को पूरी तरह से समझने नहीं दिया.

अनन्या ने अपने पिता की करियर चुनौतियों पर भी अपना दृष्टिकोण शेयर करते हुए कहा, जब मैं पैदा हुई तो मेरे पिता बुरे दौर से गुजर रहे थे. 80 और 90 के दशक में वो बहुत बड़े अभिनेता थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने अलग-अलग तरह के काम करना शुरू कर दिया. ऐसे लंबे समय थे जब वो काम नहीं कर रहे थे.

इन चुनौतियों के बावजूद, चंकी पांडे का करियर ठीकृ ठाक रहा. 1980 के दशक में तेजाब और आंखें जैसी हिट फिल्मों के साथ स्टारडम हासिल करने के बाद, उन्होंने 2000 के दशक में खुद को एक किरदार के रूप में फिर से स्थापित किया और हाउसफुल जैसी फिल्मों में अपनी कॉमिक टाइमिंग के लिए जानें गए.

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