दिलजीत दोसांझ का कॉन्सर्ट इन वजहों से भी आया चर्चा में, जाँच एजेंसियां भी हैं अलर्ट
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दिलजीत दोसांझ का कॉन्सर्ट इन वजहों से भी आया चर्चा में, जाँच एजेंसियां भी हैं अलर्ट

लाइव कॉन्सर्ट के टिकट ज़ोमैटो और बुक माय शो के जरिये बेचे गए जो मिनटों में बिक गए और इसके बाद टिकट ब्लैक और फर्जी टिकट बिक्री के मामले तेजी से बढे. ईडी तक को जाँच में उतरना पड़ा.


Diljit Dosanjh Concert : पंजाबी सिंगर व एक्टर दिलजीत दोसांझ के दिल्ली में होने जा रहा लाइव कॉन्सर्ट सिर्फ दिलजीत की वजह से नहीं बल्कि एक और वजह से चर्चा में है. ये वजह है टिकट की कालाबाजारी, फर्जी टिकट बिक्री आदि. आलम ये है कि इस सबके चलते ईडी जांच की भी नौबत आ गयी और इस सिलसिले में देश के पांच शहरों में छापेमारी भी की गयी है. फ़िलहाल इस मामले में पुलिस भी सक्रिय है, जो फर्जी टिकट और कालाबाजारी करने वालों पर नज़र बनाये रखे है.


क्या है मामला
दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम में दिलजीत दोसांझ और कोल्ड प्ले के कॉन्सर्ट हैं. दिलजीत के कॉन्सर्ट का नाम है 'दिललुमिनाती' और कोल्ड प्ले के कॉन्सर्ट का नाम' म्यूजिक ऑफ़ द अफेयर्स' है. इन दोनों कॉन्सर्ट के टिकट बुक माय शो और ज़ोमैटो लाइव के ज़रिये बेचे गए. लेकिन इन दोनों ही प्लेटफार्म ने जो जानकारी दी उसने जाँच एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया.

देखते ही देखते बिक गए सारे टिकट
दोनों ही प्लेटफार्म की तरफ से ये जानकारी दी गयी कि जैसे ही टिकट की सेल शुरू हुई, कुछ ही मिनटों में सारे टिकट बिक गए. ये ट्रेंड देखते हुए दोनों ही प्लेटफार्म ने इस बात का संदेह जताया कि इन कॉन्सर्ट की टिकट की काला बाजारी निश्चित है. इतना ही नहीं इस बीच फर्जी टिकट बेचे जाने की शिकायतें भी सामने आयीं, जिसके बाद ईडी भी अलर्ट हो गयी. इस बीच बुक माय शो समेत कुछ अन्य लोगों ने देश के अलग अलग हिस्सों में इन दोनों ही आरोपों के चलते एफआईआर भी दर्ज कराई.

5 शहरों में की छापेमारी
फर्जी टिकट बिक्री और ब्लैक मार्केटिंग की शिकायतों के आधार पर दर्ज एफआईआर पर संज्ञान लेते हुए ईडी ने 25 अक्टूबर को 5 राज्यों दिल्ली, मुंबई, जयपुर, बेंगलुरु और चंडीगढ़ में 13 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान कई मोबाइल फोन, लैपटॉप, सिम कार्ड आदि जब्त किए गए.

सोशल मीडिया पर बेची जा रहीं थी फर्जी टिकट
ईडी का कहना है कि इस छापेमारी का मकसद ब्लैक मार्केटिंग और फर्जी टिकट बिक्री की मनी ट्रेल का पता लगाना है. ये सिर्फ क्राइम नहीं बल्कि इकोनॉमिक्स ओफ्फेंस भी है. अभी तक की ईडी जांच से पता चला है कि फर्जी टिकट इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से बेचे जा रहे थे.
जाँच एजेंसी के अनुसार टिकट मुख्यतौर पर जोमैटो, बुकमायशो व कुछ अन्य मंचों पर उपलब्ध थीं. लेकिन मांग बहुत अधिक होने की वजह से टिकट बेहद जल्दी बिक गयीं. इस वजह से लोगों को वैकल्पिक स्रोतों की तलाश करनी पड़ी, जिसकी वजह से ब्लैक मार्केटिंग और फर्जी टिकट का धंधा हुआ. ईडी का कहना है कि छापेमारी और जांच से कई ऐसे व्यक्तियों का पता लगा है जो इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम का उपयोग करके सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसे टिकट उपलब्ध कराने के लिए जाने जाते हैं. इनमें नकली टिकट भी शामिल होते हैं. हालाँकि छापेमारी की मदद से ईडी ने टिकट बिक्री घोटाले में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन, लैपटॉप, सिम कार्ड आदि जैसी कई सामग्री जब्त की गई हैं जो ‘‘अपराध को साबित करती हैं.


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