
Dipika Kakar को कैंसर से लड़ने में रोबोटिक सर्जरी ने कैसे दी राहत?
जानें क्या ये तरीका सभी कैंसर मरीजों के लिए कारगर है? डॉक्टरों ने दी जानकारी.
फेमस टीवी एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ ने हाल ही में अपने व्लॉग में खुलासा किया कि उन्हें लिवर कैंसर (Stage 2) हुआ था और उन्होंने रोबोटिक सर्जरी के ज़रिए इलाज करवाया है. इस तकनीक ने उनकी रिकवरी को तेज बना दिया. दीपिका ने बताया कि उनकी सर्जरी के दौरान सिर्फ 6 छोटे कट्स लगाए गए, जिससे उन्हें ज्यादा बड़ी सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ी. उनके पति और एक्टर शोएब इब्राहिम ने भी बताया कि अगर जरूरत पड़ती तो डॉक्टरों ने ओपन सर्जरी का बैकअप प्लान भी तैयार रखा था.
रोबोटिक कैंसर सर्जरी क्या होती है?
ये एक तरह की मिनिमली इनवेसिव सर्जरी होती है, जिसमें डॉक्टर रोबोटिक आर्म्स की मदद से सर्जरी करते हैं. इन आर्म्स में छोटे-छोटे औजार और एक 3D हाई-डेफिनिशन कैमरा होता है. इस सर्जरी के दौरान डॉक्टर पास में रखे कंसोल से रोबोटिक आर्म्स को ऑपरेट करते हैं और हर मूवमेंट को रियल टाइम में कंट्रोल करते हैं. इसमें चार रोबोटिक आर्म्स होते हैं एक कैमरे के लिए और बाकी तीन ऑपरेशन टूल्स के लिए.
रोबोटिक सर्जरी के फायदे क्या हैं?
ये सर्जरी कम दर्द, कम खून बहाव और कम के रिस्क के साथ होती है. मरीज जल्दी डेली लाइफ में लौट सकता है और हॉस्पिटल में कम दिन रुकना पड़ता है. सर्जन को बेहतर कंट्रोल और 3D व्यू मिलता है, जिससे सटीकता बढ़ती है. पेल्विक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, रेक्टल कैंसर, इसोफेगस कैंसर जैसे मुश्किल मामलों में ये तकनीक बेहतर साबित होती है. कम दवाइयों की जरूरत और कम साइड इफेक्ट्स. मरीजों की रिकवरी जल्दी होती है, जिससे हॉस्पिटल का कुल खर्च कम हो सकता है. मोटापे या दूसरी बीमारियों से ग्रसित मरीजों में भी ये तकनीक सुरक्षित मानी जाती है. सर्जन को थकान कम होती है, जिससे वो लंबे ऑपरेशन में भी शुद्धता बनाए रख सकते हैं.
दीपिका कक्कड़ का उदाहरण ये दिखाता है कि मॉडर्न टेक्नोलॉजी और समय पर इलाज से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को भी हराया जा सकता है. रोबोटिक सर्जरी एक उभरती हुई तकनीक है जो सही मरीज के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इसका उपयोग तभी किया जाना चाहिए जब डॉक्टर की सलाह और मरीज की जरूरतें मेल खाएं.