
क्या आप जानते हैं आशा पारेख से डरते थे राजेश खन्ना? नहीं तो हमारी ये स्टोरी जरुर पढ़े...
आशा पारेख ने खुलासा किया कि एक्टिंग के शुरुआती दिनों में दिवंगत राजेश खन्ना उनसे डरते थे. बहारों के सपने और कटी पतंग जैसी फिल्मों में उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री को सराहा गया था.
अपने लुक से दिल चुराने वाले और अपने काम से एक विरासत बनाने वाले राजेश खन्ना अपने जीवन में शायद ही किसी चीज से डरते थे. राजेश खन्ना अपने समय के सबसे हैंडसम एक्टर में से थे और सारी लड़कियां उनपर पर अपना दिल हार चुकी थी. हाल ही में उनसे जुड़ा एक किस्सा आशा पारेख ने शेयर किया था. उनके मुताबिक एक्टर को एक बात से या यूं कहें कि वो किसी से डरते थे और ये थीं उनकी 'बहारों के सपने' की को-स्टार आशा पारेख.
एक पुराने इंटरव्यू में आशा ने अपने बारे में बताया और कहा, वो मुझसे डरता थे. क्योंकि उन्होंने उस वक्त तभी अपना करियर शुरू किया था इसलिए वो थोड़ा सा झिझकते थे. एक दिन उन्होंने मेरी तरफ देखा और अपना मुंह घुमा लिया तो मुझे बहुत बुरा लगा. मैंने कहा, कोई तारीख नहीं. इसके बाद उन्हें डांटा गया था. फिर उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि मेरा मतलब ऐसा नहीं था. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए था क्योंकि वो मुझसे डरते थे.
आशा पारेख और राजेश खन्ना उन दिनों सबसे पसंदीदा जोड़ियों में से एक थी. 'बहारों के सपने', 'कटी पतंग', 'आन मिलो सजना' और 'धर्म और कानून' जैसी फिल्मों में उनकी केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब सराहा. जबकि उनका हर काम शहर में खूब चर्चा में था.
इसी बीच आशा पारेख हाल ही में अरबाज खान के शो में पहुंचीं, जहां उन्होंने शम्मी कपूर के साथ शादी की पुरानी अफवाहों पर बात की थी. बात करते वक्त उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा था कि हां, हमने शादी कर ली थी. उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा के साथ अपने रिश्ते के बारे में भी बात की और एक किस्से का जिक्र किया जब गुरु दत्त ने एक महिला के रूप में आशा की क्षमता के बारे में उनकी मां से संदेह व्यक्त किया था. आशा पारेख ने कई फिल्मों से न केवल ये साबित किया कि उनमें भारतीय सिनेमा की महिला बनने की क्षमता है, बल्कि उन्होंने खुद को सरासर प्रतिभा के प्रतीक के रूप में भी दिखाया है.