ट्रंप के 100% टैरिफ फैसले से साउथ फिल्मों पर संकट, क्या अब अमेरिका में नहीं चलेगा इंडियन सिनेमा?
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ट्रंप के 100% टैरिफ फैसले से साउथ फिल्मों पर संकट, क्या अब अमेरिका में नहीं चलेगा इंडियन सिनेमा?

साउथ इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है क्योंकि अमेरिका, साउथ फिल्मों का सबसे बड़ा विदेशी बाजार माना जाता है.


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा फैसला लेकर भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया है. पिछले महीने ही उन्होंने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी और अब उन्होंने एक और कदम बढ़ाते हुए अमेरिका के बाहर बनने वाली फिल्मों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है. इस फैसले ने खासकर साउथ इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है क्योंकि अमेरिका, साउथ फिल्मों का सबसे बड़ा विदेशी बाजार माना जाता है.

क्यों चिंता में हैं साउथ फिल्म मेकर्स?

साउथ इंडस्ट्री की कई बड़ी फिल्में आने वाले महीनों में रिलीज होने वाली हैं. इनमें सबसे चर्चित नाम है ‘कांतारा चैप्टर 1’, जो अक्टूबर की शुरुआत में रिलीज होगी. इसके अलावा 20 से ज्यादा फिल्में ऐसी हैं जो अमेरिकी बाजार पर काफी हद तक निर्भर हैं. अमेरिका में किसी भी भारतीय फिल्म की रिलीज सिर्फ इमेज के लिए नहीं बल्कि बड़े बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के लिए भी अहम होती है. वहां के टिकट रेट भारत की तुलना में कहीं ज्यादा होते हैं. ऐसे में अगर 100% टैरिफ लागू हो गया, तो या तो टिकट की कीमतें दोगुनी होंगी या फिर फिल्म मेकर्स का मुनाफा आधा हो जाएगा. दोनों ही स्थितियां इंडस्ट्री के लिए नुकसानदायक हैं.

साउथ फिल्मों का विदेशी बाजार में दबदबा

पिछले कुछ सालों में साउथ इंडस्ट्री ने सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में अपनी मजबूत पकड़ बनाई है. ‘बाहुबली 2’ ने अमेरिका में लगभग 22 मिलियन डॉलर की कमाई की थी. ‘कल्कि 2898 एडी’ ने भी हाल ही में 18.5 मिलियन डॉलर की जबरदस्त कमाई की. इसके अलावा अल्लू अर्जुन, राम चरण और यश की फिल्मों का भी अमेरिका में शानदार प्रदर्शन रहा है. ये आंकड़े बताते हैं कि साउथ इंडस्ट्री का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका से होने वाली कमाई पर टिका हुआ है. ऐसे में 100% टैरिफ की घोषणा से मेकर्स की धड़कनें तेज हो गई हैं.

समीक्षकों की राय

फिल्म समीक्षक प्रसेन बेल्लमकोंडा ने डेक्कन हेराल्ड से बातचीत में कहा कि, अमेरिका में नया टैरिफ साउथ फिल्मों के मुनाफे पर जरूर असर डालेगा. आने वाले 2-3 महीनों में कम से कम 20 फिल्में रिलीज होंगी और हर फिल्म का औसतन बजट 300 करोड़ रुपये है. इनके लिए अमेरिकी बाजार बेहद अहम है. अमेरिका में एक टिकट की कीमत भारतीय रुपये में 10 टिकटों के बराबर होती है. ऐसे में नुकसान बहुत बड़ा होगा.

कौन सी फिल्में होंगी सबसे ज्यादा प्रभावित?

कांतारा चैप्टर 1 दिवाली के आसपास रिलीज, विदेशी बाजार पर निर्भर. पुष्पा 2 पहले ही इंटरनेशनल स्तर पर चर्चा में है. डीवीवी एंटरटेनमेंट्स की बिग बजट फिल्में जो अमेरिकी बाजार पर भरोसा करती हैं. साथ ही, तमिल और मलयालम की कई मिड-बजट फिल्में भी प्रभावित होंगी जिन्हें विदेश से अच्छी कमाई होती है.

इंडस्ट्री के लिए झटका

फिल्म मेकर्स का मानना है कि यह फैसला सिर्फ आर्थिक नुकसान ही नहीं, बल्कि उनकी फिल्मों की ग्लोबल पहुंच को भी सीमित कर देगा. जहां पहले भारतीय फिल्मों को अमेरिका में आसानी से स्क्रीन मिल जाती थीं, वहीं अब डिस्ट्रीब्यूटर्स को दो बार सोचना पड़ेगा कि क्या इतनी ज्यादा लागत पर फिल्म रिलीज करना फायदेमंद होगा.

क्या होगा आगे?

हालांकि अभी ये देखना बाकी है कि इंडियन फिल्म इंडस्ट्री और साउथ के प्रोड्यूसर्स इस टैरिफ को लेकर अमेरिका से बातचीत करते हैं या फिर टिकट प्राइस और रिलीज स्ट्रेटजी में बदलाव लाते हैं, लेकिन इतना तय है कि इस फैसले से आने वाले महीनों में साउथ इंडस्ट्री को बड़ा झटका लग सकता है.

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