मैंने उनसे बहस की...सत्यम शिवम सुंदरम के दौरान लता मंगेशकर राज कपूर से हो गई थी नाराज
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मैंने उनसे बहस की...सत्यम शिवम सुंदरम के दौरान लता मंगेशकर राज कपूर से हो गई थी नाराज

साल 1970 में आई फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम के निर्माण के दौरान राज कपूर और लता मंगेशकर के बीच अनबन हो गई थी.


दिग्गज सिंगर लता मंगेशकर ने एक बार राज कपूर के साथ अपने मतभेदों के बारे में खुलकर बात की थी. सिंगर ने कई परियोजनाओं पर मशहूर निर्देशक के साथ सहयोग किया है. उनमें से एक था सत्यम शिवम सुंदरम. ये फिल्म 1978 में रिलीज हुई थी और इसमें जीनत अमान और शशि कपूर मुख्य भूमिका में थे. लता ने हिट टाइटल ट्रैक सत्यम शिवम सुंदरम के साथ फिल्म के सभी गाने गाए. लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल लिखे गए थे. लता ने खुलासा किया कि हृदयनाथ मंगेशकर पहली पसंद थे लेकिन राज ने अपना मन बदल लिया और बात बिगड़ गई.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लता और राज कपूर के बीच चीजें खराब हो गई थी. 70 के दशक में जब सत्यम शिवम सुंदरम बनाई जा रही था, तब हमारे बीच लड़ाई हो गई थी. मुझे अमेरिका जाना था और मुकेश भैया मेरे साथ थे. जब हम अमेरिका में थे, तो मुकेश भैया ने कहा हृदयनाथ सत्यम शिवम सुंदरम के लिए संगीत तैयार नहीं करेंगे. लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल फिल्म करने जा रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा, मैंने उनकी बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. मैं बंबई लौटा और पाया कि राज कपूर ने वास्तव में अपना मन बदल लिया था और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के पास चले गए थे. पहली बार हृदयनाथ को फिल्म की पेशकश करने के बावजूद. ये संभव था कि लक्ष्मीकांत राज कपूर को उनका उपयोग करने के लिए मनाने में कामयाब रहे क्योंकि बॉबी में उनका संगीत इतना सफल रहा था. हृदयनाथ बहुत चिढ़ गए क्योंकि उन्हें पता था कि उन्होंने राज साहब से फिल्म के लिए नहीं कहा था. इसके अलावा पूरी घटना के बारे में प्रेस में लेख छपने लगे.

लता ने कबूल किया कि वो बहुत गुस्से में थीं और फिल्म निर्माता से भिड़ गईं. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने राज कपूर से बहस की और उनसे पूछा आप हृदयनाथ में आए ही क्यों थे? मैं फिल्म के लिए नहीं गाऊंगी. पंडित नरेंद्र शर्मा सत्यम शिवम सुंदरम के लिए गीत लिख रहे थे और उन्होंने कहा कि लता के गाने न गाने का सवाल ही नहीं उठता. तब लक्ष्मीकांत ने कहा कि अगर मैं नहीं गाऊंगा तो वो फिल्म का संगीत नहीं बनाएंगे और इसलिए हृदयनाथ ने मुझे इस बात के लिए मना लिया कि मैं उनकी खातिर फिल्म न छोड़ूं.

उन्होंने आगे बताया कि वो रिकॉर्डिंग में गईं, अपना काम किया और चली गईं. जब मैं सत्यम शिवम सुंदरम के टाइटल गाना रिकॉर्ड करने के लिए गई. तब भी मुझे काफी गुस्सा आ रहा था. फिर मैंने अपनी चप्पलें उतार दीं, जैसा कि मैं आमतौर पर करती हूं और माइक पर खड़ा हो गई. मैंने एक बार गाना गाया और टेक ओके हो गया. मैंने अपनी चप्पलें वापस पहनीं और चली गईं. इस फिल्म के सभी गाने हिट रहे.

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