'मैं फेस्टिवल की फिल्में बनाना छोड़ चुका हूं': राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बाद ऋषभ शेट्टी ने कही ये बात...
शेट्टी ने कहा कि हालांकि उनकी फिल्में महोत्सवों में प्रदर्शित होती हैं, पुरस्कार जीतती हैं, लेकिन उसके बाद उन्हें कोई मंच नहीं मिलता और लागत निकालना मुश्किल हो जाता है. उन्होंने कहा, 'मैं महोत्सवों में प्रदर्शित होने वाली फिल्मों से ऊब चुका हूं.
70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बेस्ट अभिनेता का पुरस्कार जीतने पर सोशल मीडिया पर बधाई संदेशों से अभिभूत अभिनेता-निर्देशक ऋषभ शेट्टी ने शुक्रवार को एक स्पष्ट साक्षात्कार में स्वीकार किया कि वह अब "त्यौहार प्रकार" की फिल्में नहीं बनाएंगे.
कन्नड़ फिल्म 'कंटारा' में अपने किरदार के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतने के लिए आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीटीआई से बात करते हुए अभिनेता ने कहा कि हालांकि उनकी फिल्में फेस्टिवल में प्रीमियर होती हैं और पुरस्कार जीतती हैं, लेकिन उसके बाद उन्हें कोई मंच नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि उनके लिए अपनी लागत निकालना मुश्किल हो जाता है.
शेट्टी ने कहा, ओटीटी प्लेटफॉर्म कन्नड़ सामग्री नहीं खरीदते हैं, इसलिए हमें इसे यूट्यूब चैनलों पर डालने के लिए मजबूर होना पड़ता है. मैं इससे तंग आ चुका हूं. हमें ऐसी फिल्मों से कोई रिकवरी नहीं मिलती है. शेट्टी ने कहा कि उन्होंने अब तक ऐसी तीन महोत्सव फिल्में की हैं.
उन्होंने कहा, कुछ और फिल्में पाइपलाइन में हैं. पेड्रो और वागाचिपानी. मैंने इन फिल्मों का निर्माण किया क्योंकि उन्होंने मुझे सब कुछ दिया. मैं इसे कुछ वापस देना चाहता था. मुझे लगता है कि मैं देखूंगा कि भविष्य में यह कैसा होता है. 'कंटारा' ने संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली बेस्ट फिल्म का पुरस्कार भी जीता. शुक्रवार को नई दिल्ली में फीचर फिल्म जूरी के प्रमुख राहुल रवैल ने राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा की. ये पुरस्कार साल 2022 में बनी बेस्ट फिल्मों को दिया जाता है.
पुरस्कार जीतने की उम्मीद नहीं
शेट्टी ने कहा कि उन्हें न तो पुरस्कार जीतने की उम्मीद थी और न ही वे इसे जीतने को लेकर उत्साहित थे. उन्होंने कहा, मैं बस अपना काम करता हूं, लेकिन 'कंटारा' की जीत का श्रेय इसमें शामिल हर टीम के सदस्य को जाना चाहिए. मैं तो बस इसका एक चेहरा हूं, लेकिन फिल्म में कई तकनीशियनों ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया. मैं उनकी ओर से लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. शेट्टी ने कन्नड़ दर्शकों का भी आभार जताया. उन्होंने कहा, वे ही हैं जिन्होंने फिल्म को अखिल भारतीय मंच पर पहुंचाया.
कन्नड़ फिल्मों को मिले ढेर सारे पुरस्कार
कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री इस बार बड़े विजेताओं में से एक है. बेस्ट एक्टर और बेस्ट पॉपुलर फिल्म के अलावा, बेस्ट एक्शन कोरियोग्राफी केजीएफ चैप्टर 2, बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर नॉन-फीचर फिल्म बस्ती दिनेश शेनॉय मध्यनथारा, बेस्ट एडिटिंग नॉन-फीचर फिल्म सुरेश उर्स मध्यनथारा और बेस्ट आर्ट्स कल्चर फिल्म रंगा विभोग सुनील पुराणिक की कन्नड़ डॉक्यूमेंट्री फिल्म के लिए भी पुरस्कार जीते. होम्बले की केजीएफ चैप्टर 2 ने बेस्ट कन्नड़ फिल्म का पुरस्कार भी जीता.