Jatt & Juliet 3 Review: दिलजीत दोसांझ ने कॉमेडी में दिखाया अपना खास जादू
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Jatt & Juliet 3 Review: दिलजीत दोसांझ ने कॉमेडी में दिखाया अपना खास जादू

पंजाबी रोमांटिक कॉमेडी फ्रैंचाइज फिल्म जट्ट एंड जूलियट 3 में दोसांझ और नीरू बाजवा फिर से साथ नजर आए हैं. इस फिल्म ने फैंस को काफी खुश किया है.


Jatt & Juliet 3 Review: अगर एक्टर और सिंगर दिलजीत दोसांझ की हिट फिल्मों की बात की जाए तो और करियर के पिछले साल को देखा जाए तो जट्ट एंड जूलियट 3 एक शानदार फिल्म में से एक है. ये फिल्म आपको मुस्कुराने और साथ ही हंसी से लोटपोट होने पर मजबूर कर देती है. जगदीप सिद्धू द्वारा निर्देशित जट्ट एंड जूलियट 3 में दोसांझ नीरू बाजवा के नजर आ रहे हैं. साल 2012 में शुरू हुई बेहद हिट जट्ट एंड जूलियट फ्रैंचाइज़ फिल्म के सभी पार्ट में उन्होंने अपने किरदारों को एक बार फिर से दोहराया है.

इस फ़िल्म में एक ट्विस्ट है बाजवा, सीनियर पुलिस कांस्टेबल पूजा सिंह, फ़िल्म में एक पुलिस अधिकारी की भूमिका भी निभा रही हैं और दोसांझ भी पुलिस कांस्टेबल फ़तेह सिंह का किरदार निभाते दिखे. फतेह एक सोची-समझी योजना के तहत पूजा को लुभाने की कोशिश करता है. ताकि उसे ज़्यादा सैलरी वाली पत्नी मिले. बदले में पूजा उसे उम्र में बड़े होने के बावजूद शादी करने का एक तरीका समझती है.

उनका प्यार उन्हें लंदन ले जाता है, जिसमें एक भगोड़ी दुल्हन डेज़ी उर्फ दिवजोत को पकड़ना शामिल है. इसमें एक पंजाबी रेस्टोरेंट और एक बड़ी रकम भी शामिल है. इसके बाद क्या होता है, इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं. जट्ट एंड जूलियट 3 में अच्छे डायलॉग की भरमार है. ये सभी पंजाबी सिनेमा को पीछे छोड़ती है. लेकिन दोसांझ के बेहद प्यारे अभिनय की वजह से ये सब अच्छा लग रहा है. दोसांझ पूरी तरह से कहानी और इस फिल्म के मालिक हैं. इस फिल्म में उनका सबसे अलग किरदार देखने को मिल रहा है.

एक सीन में ये सोचते हुए दिखाई देते हैं कि उन्हें अपने के लिए कैसे हाई सैलरी वाली पत्नी मिलेगी. बाद में, वह लंदन के एक रेस्तरां में 20% हिस्सेदारी के लिए संख्याओं को गिनता है, उसके चेहरे पर एक हसी का भाव आ जाता है. फिल्म में पांच गाने हैं. लंदन में एक स्ट्रीट फाइट भी दिखाई दी है. फिल्म के क्लाइमेक्स में एक मोनोलॉग है जिसे आज के पंजाब टेड टॉक में क्या गड़बड़ है के रूप में कहा जा सकता है. दोसांझ ने इस फिल्म में काफी ईमानदारी से काम किया है.

फिल्म पॉप कल्चर से भरी हुई है. फिल्म के कुछ हिस्से ठीक हैं. बैकग्राउंड स्कोर बहुत ज़्यादा तेज़ है और अक्सर स्क्रीन पर जो कुछ भी हो रहा है, उससे ध्यान भटकाता है. बाजवा का अभिनय दिखावटी और ज़बरदस्ती किया हुआ लगता है. कोचेला में अपनी उपस्थिति के बाद से अभिनेता एक वास्तविक जादूगर की तरह रहे हैं. उन्होंने एक के बाद एक उपलब्धियां हासिल की हैं. उनकी इस साल दो बैक-टू-बैक फिल्म रिलीज हुई है क्रू और चमकीला. इस फिल्म में उनके प्रदर्शन के लिए काफी तारीफ मिली थी.

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