
जोरदार प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हुआ जज़्बा थिएटर फेस्टिवल 2025
दिल्ली का जज्बा थियेटर फेस्टिवल रंगप्रेमियों के जज्बे का उत्सव है। इस साल की प्रस्तुतियों ने इसे और बेहतर ढंग से समझाया।
दिल्ली में जज़्बा थियेटर फेस्टिवल 2025 ने एक अलग ही रंग जमाया। दिल्ली के सांस्कृतिक केंद्र त्रिवेणी कला संगम, मंडी हाउस में इस नाट्य उत्सव का समापन ज़ोरदार उत्साह के साथ हुआ।
इस आयोजन में जुनून, प्रदर्शन और प्रभावशाली कहानी कहने की परंपरा का उत्सव मनाया गया। यह फेस्टिवल 2006 में रंगमंच अनुराग दास माथुर द्वारा शुरू किया गया था। तब से, जज़्बा दिल्ली विश्वविद्यालय की सबसे प्रिय सांस्कृतिक संस्थाओं में से एक बन गया है।
इन वर्षों में, सागर नागपाल मेमोरियल नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता (SNMNNC), जो 2011 में शुरू हुई थी, और 2019 में शुरू हुआ मंचीय थिएटर इवेंट रूबरू, इस फेस्टिवल की विरासत को और समृद्ध कर चुके हैं।
इस वर्ष का संस्करण योगेश कुमार के निर्देशन में और तुषार की सह-निर्देशन में प्रस्तुत किया गया। तुषार अरोड़ा के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम को भाग लेने वाले कॉलेजों और थिएटर प्रेमियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली।
इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ाया रामानुजन कॉलेज के प्राचार्य, पूर्व प्राचार्य और अध्यक्ष की उपस्थिति ने, जिनकी मौजूदगी ने इस उत्सव को अत्यधिक प्रतिष्ठा और आत्मीयता प्रदान की।
जज़्बा थिएटर ग्रुप की सूक्ष्म योजना और अथक प्रयासों तथा टीम लीडर प्रभोध अगलावे, स्टूडेंट कोऑर्डिनेटर अशुतोष श्रीवास्तव और एग्जीक्यूटिव मेंबर रोशन कुमार के सहयोग से, यह महोत्सव 2025 में उत्कृष्टता की नई ऊँचाइयों पर पहुंच गया।