अनंत राधिका की शादी के न्यौते की चाह वाले तो बहुत देखे होंगे, ठुकराने वाले को भी देख लो
अनंत अम्बानी और राधिका मर्चेंट की शाही शादी के चर्चे दूर दूर तक हैं. सोशल मीडिया इन्फ़्लुएन्सर काव्या कर्णाटक ने दावा किया है कि उन्हें शादी में शामिल होने और प्रचार करने के लिए 3 लाख 60 हजार रूपये की पेशकश की गयी थी, लेकिन काव्या ने इसे ठुकरा दिया.
Kavya Karnatac: अनंत अम्बानी और राधिका मर्चेंट की शाही शादी के चर्चे दूर दूर तक हैं. ऐसे लोगों की कतार बहुत लम्बी है, जो इस शादी में शामिल होने के लिए बेताब रहे और इस आस में रहे कि काश उन्हें भी इस भव्य शादी समारोह में शामिल होने का न्यौता मिल जाए. लेकिन इस बीच एक नाम ऐसा भी सामने आया है, जिसने इस शादी में शामिल होने के न्यौते को ठुकरा दिया. जी हाँ, सही सुना! अनंत अम्बानी और राधिका मर्चेंट की शादी में शामिल होने के न्यौते को ठुकरा दिया. ऐसे करने वाली एक युवती हैं, जो सोशल मीडिया इन्फ़्लुएन्सर है, नाम है काव्या कर्नाटक. ये दावा काव्या ने खुद किया है, वो भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म लिंक्डइन पर.
काव्या ने अपनी इस पोस्ट में में ये खुलासा किया है कि उन्हें अनंत अम्बानी और राधिका मर्चेंट की शादी को कवर करने के लिए प्रस्ताव दिया गया था और उसके लिए 3.6 लाख रुपये की पेशकश की गयी थी लेकिन इन सबके बावजूद काव्या ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. काव्या ने अपने इस कदम के लिए चार कारण भी सार्वजानिक किये हैं, जानते हैं उन कारणों को जिनकी वजह से काव्या ने न जाने का फैसला लिया.
अपनी पोस्ट में काव्या ने लिखा
मैंने अंबानी से 3.6 लाख का सौदा क्यों ठुकरा दिया?
हाल ही में, मुझे अंबानी के पीआर एक्टिवेशन के लिए 3.6 लाख की पेशकश की गई थी. मेरा काम था, ये चर्चा करना कि अंबानी की शादी भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे बढ़ावा देगी?
ये प्रस्ताव मेरी सामान्य दर लगभग 3 लाख से कहीं ज़्यादा था, और मेरे माता-पिता ने भी मुझसे इसे स्वीकार करने का आग्रह किया. हालाँकि, मैंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार करने का फैसला लिया. इसके पीछे जो कारण रहे वो आपके सामने हैं:-
1. काव्या ने कहा कि अनंत और राधिका की शादी को प्रमोट करने के लिए भीड़ जुटी थी और मैं उस भीड़ का हिस्सा नहीं बन सकती थी, जो भीड़ के शोर में कहीं खो जाती. मैं अपने कंटेंट की विशिष्टता और मूल्य को बनाए रखने में विश्वास करती हूँ, जो विविधता और मौलिकता पर आगे बढ़ती है. अंबानी की शादी जैसे अत्यधिक प्रचारित समारोह के साथ जुड़ना मेरे ब्रांड की विशिष्टता को कम कर देगा.
2. दूसरे कारण में काव्या ने जिओ द्वारा इन्टरनेट के शुल्क बढ़ाने का ज़िक्र किया. काव्या ने लिखा कि मुझे अपने फोलोअर्स के भरोसे का भी ख्याल रखना होता है. ऐसे समय में जब जियो ने इंटरनेट शुल्क बढ़ा दिया है, अंबानी जैसे कॉर्पोरेट दिग्गज को बढ़ावा देना बेईमानी लग रहा था. मेरे फोलोअर्स का भरोसा मेरे प्रति कमज़ोर होता, जो लगातार ईमानदारी के ज़रिए समय के साथ बनता है. मेरे दर्शक समझदार हैं; वे पेड प्रमोशन और असली कंटेंट के बीच का अंतर समझते हैं. इसलिए, उनके भरोसे को बनाए रखना बहुत ज़रूरी है.
3. नैतिकता- अपने तीसरे कारण में काव्या ने नैतिकता का उल्लेख किया है. काव्या लिखती हैं कि एक ऐसा देश जहाँ जाति, वर्ग, लिंग और धर्म के कारण अक्सर शादियाँ टूट जाती हैं, इन मानदंडों के अनुरूप एक हाई-प्रोफ़ाइल शादी को बढ़ावा देना मेरे मूल्यों के अनुरूप नहीं था. एक शिक्षक और निर्माता के रूप में, इस तरह के आयोजन को बढ़ावा देना भ्रामक हो सकता है. ये फ़ैशन या जीवनशैली प्रभावित करने वालों के लिए ज़्यादा उपयुक्त है. हालाँकि मैंने वन्तारा का प्रचार करते हुए पहले अंबानी के साथ काम किया है. ये दावा करना कि एक शादी भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, तथ्यात्मक रूप से सही नहीं हो सकता है.
4. ईमानदारी- चौथे कारण के तौर पर काव्या ने इमानदारी का ज़िक्र किया है. काव्या लिखती हैं कि 3.6 लाख का सौदा आकर्षक था. हालाँकि, ये सौदा मेरी ईमानदारी बनाए रखने के दीर्घकालिक लाभ के मुकाबले बेहद कम था. ईमानदारी बेहद कठिनता से अर्जित की जाती है, जो अमूल्य है. ऐसे सौदों को न कहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. खुशकिस्मती से, मैं अपने करियर के उस पड़ाव पर हूँ, जहाँ मैं ये विकल्प चुन पायी. हर कोई न नहीं कह सकता और हर किसी को न नहीं कहना चाहिए. ये व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर एक व्यक्तिगत निर्णय है.
अपने पोस्ट के अंत में काव्या ने लिखा ''नमस्ते, मैं काव्या कर्नाटक हूँ और मुझे कंटेंट क्रिएशन के बारे में बात करना बहुत पसंद है.''
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