खामोशी के लिए मैं पहली पसंद नहीं थी मनीषा कोइराला
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'खामोशी' के लिए मैं पहली पसंद नहीं थी मनीषा कोइराला

संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी पहली फिल्म में अपनी भूमिका के बारे में मनीषा कोइराला का कहना है कि खामोशी द म्यूजिकल के लिए वो पहली पसंद नहीं थीं, शुक्रवार को रिलीज होने के 28 साल पूरे हो गए हैं.


कोइराला ने हंसी के साथ याद करते हुए कहा कि 1996 की फिल्म में साथ काम करने से बहुत पहले से ही भंसाली और वो दोस्त थे और निर्देशक स्पष्ट थे कि उनकी पसंदीदा एक्ट्रेस या तो माधुरी दीक्षित या काजोल होंगी. उनके ओटीटी डेब्यू हीरामंडी: द डायमंड बाजार में दोनों दोस्त फिर से एक साथ आए. मैंने 28 साल पहले फिल्म 'खामोशी' की थी और मैं इस भूमिका के लिए उनकी पहली पसंद नहीं थी. मुझे याद है, हम दोस्त बन गए थे और उन्होंने कहा था, 'मनीषा, मैंने ये स्क्रिप्ट लिखी है, बस इसे पढ़ो. तुम नहीं हो इसमें एक्टिंग करने के लिए काजोल और माधुरी मेरी पसंद हैं.'

एक इंटरव्यू में बताया कोइराला ने कहा कि उन्होंने जो पढ़ा उससे वो काफी प्रभावित हुईं थी और उन्होंने भंसाली को अपनी बात की. ये किसी भी एक्ट्रेस के लिए एक शानदार स्क्रिप्ट थी. मैंने उनसे कहा 'ये दोनों नहीं मिली तो मैं हूं, हां?' सौभाग्य से ये मेरे लिए काम कर गया. फिल्म खामोशी: द म्यूजिकल में कोइराला ने एनी ब्रैगेंजा का किरदार निभाया है, जो गाने में रुचि रखने वाली एक महिला है जो अपने जुनून का पालन करने और अपने मूक-बधिर माता-पिता की देखभाल करने के बीच फंसी हुई है, जिसका किरदार नाना पाटेकर और सीमा बिस्वास ने निभाया है.

इसके बाद वह 'हम दिल दे चुके सनम' और 'देवदास' में भंसाली के साथ काम करने वाली थीं, लेकिन इस साल रिलीज हुई 'हीरामंडी' तक बात नहीं बन पाई. जब उन्हें हीरामंडी के लिए कॉल आया तो वो अपने घर काठमांडू में थीं और एक अलग दुनिया में थीं और इतने सालों के बाद निर्देशक के साथ फिर से काम करने के लिए वो खुश थीं.

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