Netflix की सीरीज Adolescence: एक डरावना सफर, जो किशोरों की हिंसा और समाज की विफलता को उजागर करता है
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Netflix की सीरीज 'Adolescence': एक डरावना सफर, जो किशोरों की हिंसा और समाज की विफलता को उजागर करता है

'Adolescence' में सिर्फ एक्टिंग ही नहीं कर रहे, बल्कि शो के को-क्रिएटर भी हैं.


नेटफ्लिक्स की नई ब्रिटिश क्राइम ड्रामा 'Adolescence' सोशल मीडिया के खतरों, टॉक्सिक मर्दानगी और पेरेंटिंग की अनदेखी पर गहरी रोशनी डालती है. ये चार एपिसोड की मिनी सीरीज दर्शकों को एक परिवार की बिखरती जिंदगी में फंसा देती है, जिसमें एक पिता अपने बेटे की खौफनाक हरकतों से अनजान रहता है. शाहरुख खान से लेकर स्टीफन ग्राहम तक मैं आमतौर पर किसी एक्टर के काम को फॉलो करते हुए नई सीरीज तक पहुंचता हूं. इसी तरह स्टीफन ग्राहम की वजह से मैं 'Adolescence' देखने लगा.

उन्हें पहली बार मैंने मार्टिन स्कॉर्सेसी की 'Gangs of New York' में नोटिस किया था. जहां उनका छोटा लेकिन दमदार रोल था. फिर Line of Duty के सीजन 5 में उन्होंने John Corbett का किरदार निभाया था, जिसमें उनकी जबरदस्त परफॉर्मेंस देखने को मिली. अब 'Adolescence' में ग्राहम सिर्फ़ एक्टिंग ही नहीं कर रहे, बल्कि शो के को-क्रिएटर भी हैं. ये सीरीज फिलिप बारांतीनी द्वारा डायरेक्ट की गई है, जो पहले भी 'Boiling Point' जैसी चर्चित फिल्म बना चुके हैं.

कहानी: जब एक 13 साल का लड़का बन जाता है हत्यारा

सीरीज की शुरुआत होती है 13 साल के जैमी मिलर की गिरफ़्तारी से जिसे अपनी एक महिला सहपाठी की हत्या के आरोप में पुलिस घर से उठा लेती है. स्टीफन ग्राहम ने उसके पिता एडी मिलर का किरदार निभाया है, जो एक साधारण प्लंबर है और इस घटना से पूरी तरह अनजान है. जैसे ही पुलिस उनके घर में घुसती है. माहौल अराजक हो जाता है—जैमी कांप रहा है. उसकी मां अमांडा सदमे में है और पिता पूरी तरह से बेबस खड़े हैं.

पूरी सीरीज में चार एपिसोड हैं और हर एपिसोड एक सिंगल-शॉट में शूट किया गया है, जिससे दर्शकों को ऐसा महसूस होता है जैसे वो खुद इस परिवार के साथ बंध गए हों. इस फिल्माने के तरीके से तनाव कई गुना बढ़ जाता है, क्योंकि हर सीन लगातार चलता रहता है बिना किसी कट किए.

सोशल मीडिया और किशोरों की हिंसा

'Adolescence' एक व्हाईडनिट स्टोरी है, जो हत्यारे के इरादों की तह में जाती है. ये साफ करती है कि जैमी कोई आम अपराधी नहीं है, बल्कि वो ऑनलाइन मैनोस्फीयर के प्रभाव में आया, जिसमें महिलाओं के प्रति नफरत फैलाई जाती है. शो इस बारे में कोई सीधा जवाब नहीं देता, बल्कि दर्शकों को खुद सोचने पर मजबूर कर देता है कि आज का समाज कैसे किशोरों को गुमराह कर रहा है. शो इस बात पर भी जोर देता है कि जैमी का परिवार गरीब या बिखरा हुआ नहीं था. उसके माता-पिता ने उसे हमेशा प्यार दिया, लेकिन वो ये नहीं समझ पाए कि इंटरनेट की दुनिया में उनका बेटा किस जाल में फंस रहा था.

स्टीफन ग्राहम और ओवेन कूपर की दमदार परफॉर्मेंस

ओवेन कूपर, जिन्होंने इस सीरीज से अपना डेब्यू किया. उन्होंने जैमी के किरदार में मासूमियत से हिंसा तक का सफर बेहद प्रभावशाली तरीके से निभाया है. एक पल में वह एक आम बच्चा लगता है, और अगले ही पल वह आक्रोश से भरा नजर आता है. स्टीफन ग्राहम एक टूटे हुए पिता के रूप में शानदार लगते हैं. उनकी आंखों में एक ऐसी पीड़ा दिखती है जो शब्दों से परे है. वहीं, क्रिस्टीन ट्रेमार्को भी एक मां के किरदार में उतनी ही दमदार हैं, जो अपने बेटे की करतूत से पूरी तरह टूट जाती है.

रियल-लाइफ घटनाओं से प्रेरित कहानी

इस सीरीज को वास्तविक घटनाओं से प्रेरणा मिली है. हाल ही में ब्रिटेन और कई देशों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां किशोर लड़कों ने सोशल मीडिया से प्रभावित होकर अपने दोस्तों या सहपाठियों पर हमला किया है. ये सिर्फ एक ब्रिटिश कहानी नहीं है. ये भारत जैसे देशों में भी प्रासंगिक है, जहां सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव तेजी से बढ़ रहे हैं.

निष्कर्ष: समाज की असफलता को उजागर करता शो

'Adolescence' कोई हल्की-फुल्की एंटरटेनमेंट सीरीज़ नहीं है. ये एक गहरी, झकझोर देने वाली कहानी है, जो हमारे समाज की नाकामी को उजागर करती है. खासकर पेरेंटिंग, डिजिटल जागरूकता, और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर. ये सिर्फ चाकू थामे किशोर लड़कों की कहानी नहीं है, बल्कि उस समाज की कहानी है जो उन्हें इस राह पर चलने देता है. ये सीरीज एक सवाल छोड़ती है. क्या हम अपने बच्चों को सही दिशा में बढ़ने में मदद कर रहे हैं या उन्हें ऐसे अंधेरे में धकेल रहे हैं, जहां से कोई वापसी नहीं?

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