
Raid 2 जब चुपचाप किया गया काम सबसे जोरदार असर छोड़ता है, कहानी में दिखा दम
अजय देवगन और रितेश देशमुख स्टारर रेड-2 आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता की ये फिल्म साल 2018 में आई 'रेड' का सीक्वल है.
फिल्म रेड 2 उन फिल्मों में से है जो न तो बड़े-बड़े पोस्टरों से प्रचार करती है, न ही ट्रेलर में हीरो की ज़ोरदार एंट्री दिखाकर तालियां बटोरती है. ये फिल्म बिल्कुल वैसे ही काम करती है जैसे कोई ईमानदार अफसर करता है—धीरे, चुपचाप और असरदार. इस फिल्म में अजय देवगन फिर से आयकर विभाग के अफसर अमेय पटनायक के किरदार में लौटे हैं. पिछली रेड की तरह इस बार भी वह भ्रष्ट नेताओं के काले कारनामों के खिलाफ एक मिशन पर हैं, लेकिन इस बार मामला और भी संवेदनशील और व्यक्तिगत है.
फिल्म की शुरुआत एक शांत माहौल से होती है, लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है. आप खुद को एक जिद्दी और ईमानदार अफसर के संघर्ष में उलझा हुआ पाते हैं. अमेय पटनायक का किरदार न तो चिल्लाता है, न ही किसी को धमकाता है. वो बस काम करता है और यही इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है.
रितेश देशमुख की खलनायकी
फिल्म में रितेश देशमुख विलेन के किरदार में हैं. अब तक जिन्हें हम कॉमेडी और हल्के-फुल्के रोल्स में देखते आए हैं, वो यहां एक बेहद चालाक, ढोंगी और खतरनाक नेता बने हैं. उन्होंने अपने रोल में जो गंभीरता और संजीदगी दिखाई है, वो फिल्म को और मजबूत बनाती है. उनका किरदार डराता है और सोचने पर मजबूर भी करता है.
बाकी कलाकारों की भूमिका
फिल्म में वाणी कपूर अजय देवगन की पत्नी बनी हैं. हालांकि वो कहानी में बहुत बड़ी जगह नहीं लेतीं लेकिन जहां उन्हें मौका मिला, उन्होंने अच्छा काम किया है. इलियाना जैसी प्रभावशाली उपस्थिति उनमें नहीं दिखती, लेकिन फिल्म की मूल कहानी पर इसका बहुत असर नहीं पड़ता. यशपाल शर्मा, अमित सियाल और सुप्रिया पाठक जैसे कलाकारों ने फिल्म में अपनी भूमिकाएं इतनी सच्चाई से निभाई हैं कि आपको हर सीन असली लगने लगता है. अमित सियाल का किरदार तो हर पल नया मोड़ लेता है, जो दर्शकों को चौंकाता भी है और कहानी को दिलचस्प बनाए रखता है.
कहानी और निर्देशन
फिल्म की कहानी कसी हुई है. कहीं कोई फालतू सीन या डायलॉग नहीं डाला गया. राज कुमार गुप्ता का निर्देशन सधा हुआ है. वो जानते हैं कि उन्हें किस बात पर जोर देना है और कब कहानी को थामकर रखना है. फिल्म का सबसे अच्छा पक्ष ये है कि ये किसी तरह की नारेबाजी नहीं करती. यहां देशभक्ति चिल्लाकर नहीं, काम करके दिखाई जाती है.
सिनेमैटोग्राफी, बैकग्राउंड म्यूजिक और एडिटिंग तीनों ही फिल्म को मजबूती से सपोर्ट करते हैं. क्लाइमेक्स में पैसा ये पैसा गाना एक बार फिर इस्तेमाल किया गया है लेकिन इस बार उसका उपयोग सही मौके पर हुआ है. राहत फतेह अली खान का गाना भी फिल्म में शामिल है, लेकिन वो ज्यादा असर नहीं छोड़ता. फिल्म रेड 2 एक परिपक्व, ठोस और सच्चाई से जुड़ी फिल्म है. ये उन लोगों की कहानी है जो सिस्टम से लड़ते नहीं, उसे अपने तरीके से ठीक करते हैं. ये फिल्म बताती है कि बदलाव के लिए शोर मचाना ज़रूरी नहीं, बस सही इरादा और सही तरीके से किया गया काम काफी होता है.