
बॉक्स ऑफिस हिट ‘सैयारा’ में ये 5 बड़ी गलतियां रहीं अनदेखी
अहान पांडे और अनीत पड्डा की फिल्म ‘सैयारा’ इमोशनल है लेकिन इसमें 5 बड़ी खामियां हैं जो मेकर्स सुधार सकते थे. जानिए कहां रही फिल्म कमजोर.
मोहित सूरी द्वारा निर्देशित अहान पांडे और अनीत पड्डा स्टारर फिल्म ‘सैयारा’ ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल की और थिएटर्स में दर्शकों को खूब रुलाया. लेकिन भावनाओं की इस लहर के बीच, फिल्म में कई खामियां भी छिपी रहीं, जिन पर शायद ज्यादा ध्यान नहीं गया. अगर इन कमियों को सुधारा जाता, तो फिल्म का असर और गहरा हो सकता था. आइए जानते हैं ‘सैयारा’ की 5 बड़ी खामियां.
1. घिसी-पिटी कहानी का अंदाज
‘सैयारा’ की कहानी में कोई नया पन नहीं था. ये एक साधारण, कई बार देखी जा चुकी कहानी पर आधारित थी. अगर स्क्रिप्ट में कुछ हटकर ट्विस्ट दिए जाते, तो फिल्म का इमोशनल इम्पैक्ट और बढ़ सकता था.
2. इमोशनल सीन की भरमार
फिल्म में इमोशनल सीन इतने ज्यादा थे कि कई बार ये ओवरड्रैमेटिक लगने लगा. हर पल दुख और दर्द से भरा हुआ दिखाया गया, जिससे दर्शक कहानी से जुड़ने के बजाय थकान महसूस करने लगे.
3. साइड किरदारों की अनदेखी
फिल्म का पूरा फोकस सिर्फ लीड किरदारों पर था. साइड किरदारों को कहानी में जगह नहीं दी गई. उनके पास कहने या करने के लिए कुछ खास नहीं था, जिससे वो फिल्म के अहम हिस्से नहीं बन पाए.
4. कई सवाल अधूरे रह गए
कहानी में अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी का जिक्र तो हुआ, लेकिन उससे जुड़े कई सवाल अनुत्तरित रह गए. इससे कहानी में अस्पष्टता आई और दर्शक थोड़े उलझन में पड़ गए.
5. कहानी का बेवजह खिंचना
फिल्म की गति खासकर सेकंड हाफ में बहुत धीमी हो गई. कई सीन लंबे और खिंचे हुए लगे, जिससे दर्शक बोरियत महसूस करने लगे और फिल्म की ग्रिप ढीली पड़ गई.