
Devdas की शूटिंग के दौरान खत्म हो गए थे Sanjay Leela Bhansali के पैसे, मुंबई में क्यों रुकी थीं शादियां!
हाल ही में दिए गए इंटरव्यू में देवदास के सिनेमेटोग्राफर बिनोद प्रधान ने इस फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई परेशानियों के बारे में खुलासा किया.
Sanjay Leela Bhansali आज बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन निर्देशकों में से एक हैं. उन्होंने कई दशक से अपनी फिल्मों के जरिए दर्शकों के दिलों पर राज किया है. हाल ही में उनकी वेब सीरीज हीरामंडी ने नेटफ्लिक्स पर धमाल मचाया, लेकिन उनके करियर का एक बड़ा पड़ाव देवदास भी रहा है. हाल ही में दिए गए इंटरव्यू में देवदास के सिनेमेटोग्राफर बिनोद प्रधान ने इस फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई परेशानियों के बारे में खुलासा किया.
देवदास की शूटिंग के दौरान हुआ था ये हाल
बिनोद प्रधान ने बताया कि उन्हें ये अंदाजा नहीं था कि इस फिल्म के सेट इतने भव्य होंगे. उन्होंने बताया कि सच कहूं तो मुझे नहीं लगा था कि सेट इतने बड़े होंगे. आमतौर पर हम एक दिन में 15-20 शॉट्स शूट करते थे. कभी-कभी 40 भी, लेकिन देवदास में हम सिर्फ 3-4 शॉट्स ही ले पाते थे. उन्होंने आगे बताया कि फिल्म के कुछ सेट्स को सही ढंग से रोशन करना एक बहुत बड़ी चुनौती थी. पारो का घर पूरी तरह कांच से बना था, जिसे रोशनी देना आसान नहीं था. चंद्रमुखी का सेट एक किलोमीटर लंबा था, जिसे देखकर मैं और मेरी टीम हैरान रह गए थे कि यहां शूटिंग कैसे करेंगे.
मुंबई में रुकीं शादियां!
बिनोद प्रधान ने फिल्म की भव्यता को लेकर एक दिलचस्प किस्सा भी शेयर किया, इस फिल्म के दौरान मुंबई में कई शादियों को रोकना पड़ा या दोबारा शेड्यूल करना पड़ा क्योंकि हमने शहर के लगभग सभी जनरेटर इस्तेमाल कर लिए थे. पूरा सेट रोशन करने के लिए हमें कई जनरेटर की जरूरत पड़ती थी. संजय ने मुझसे कहा था कि कोई समझौता मत करो, बस अच्छा काम करो. यहां तक कि जब देवदास को पैसों का भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. तब भी उन्होंने मुझसे कहा कि मैं अपना बेस्ट दूं. मुझे लगा था कि वो शूट जल्दी खत्म करने या ज्यादा मेहनत न करने के लिए कहेंगे, लेकिन उन्होंने मुझसे बस बेहतरीन काम करने की बात की.
भंसाली और बिनोद प्रधान फिर कभी साथ क्यों नहीं आए?
बिनोद प्रधान ने इंटरव्यू के अंत में ये भी कहा कि ये दुख की बात है कि देवदास के बाद उन्होंने और संजय लीला भंसाली ने साथ में कोई और फिल्म नहीं की. देवदास 1917 में शरत चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखे गए उपन्यास पर आधारित थी और इसे भरत शाह ने प्रोड्यूस किया था. फिल्म में शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय, माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ मुख्य भूमिकाओं में थे. ये फिल्म आज भी भारतीय सिनेमा की सबसे यादगार फिल्मों में से एक मानी जाती है.