AI की मदद से शंकर महादेवन ने रचा नया गीत रूबरू
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शंकर महादेवन ने AI टूल के ज़रिए नया गीत 'रूबरू' तैयार किया, जिसे Google I/O 2025 में पेश किया गया।

AI की मदद से शंकर महादेवन ने रचा नया गीत 'रूबरू

शंकर महादेवन ने AI टूल Sandbox की मदद से नया गीत 'रूबरू' तैयार किया और कहा कि तकनीक कलाकार की जगह नहीं ले सकती।


संगीत की दुनिया में तकनीक का बढ़ता प्रभाव अब किसी से छिपा नहीं है। लेकिन जब कोई अनुभवी और प्रतिष्ठित संगीतकार स्वयं कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के साथ प्रयोग करता है, तो यह न केवल तकनीकी विकास की झलक देता है, बल्कि संगीत की नई संभावनाओं के द्वार भी खोलता है। प्रसिद्ध गायक-संगीतकार शंकर महादेवन ने हाल ही में अपने नए गाने 'रूबरू' के निर्माण में AI का उपयोग किया है। यह गीत उन्होंने YouTube और Google Lab के सहयोग से 'Sandbox' नामक AI टूल की मदद से अपने मुंबई स्थित स्टूडियो में तैयार किया।

यह अनूठा निर्माण हाल ही में कैलिफोर्निया में आयोजित Google के वार्षिक I/O डेवलपर सम्मेलन के दौरान वर्चुअल रूप से प्रस्तुत किया गया। इस दौरान महादेवन ने बताया कि कैसे उन्होंने एक सूफी रंग से भरे गीत को आधुनिक संगीत के साथ जोड़कर एक नया अनुभव रचा।

“AI एक प्रेरणादायक उपकरण की तरह है, जो संगीतकारों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचने में मदद कर सकता है। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं कि यह इंसानी रचनात्मकता की जगह ले सकता है,” शंकर कहते हैं। उनका मानना है कि जैसे 50 साल पहले सिंथेसाइज़र आया था, तब भी संगीतकारों के मन में डर था कि कहीं उनकी कला की अहमियत न घट जाए। उसी तरह आज भी AI को लेकर वही डर देखा जा रहा है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि “कोई भी तकनीक संगीतकार की आत्मा और भावनाओं को प्रतिस्थापित नहीं कर सकती।”

शंकर महादेवन का मानना है कि AI को एक प्रतिस्पर्धा की बजाय एक सहायक और सहयोगी के रूप में देखा जाना चाहिए। वह कहते हैं, “AI एक दोस्त की तरह है, जो आपकी सोच को दिशा देता है, लेकिन अंतिम निर्णय और रचनात्मकता हमेशा इंसान की होती है। हम इसका उपयोग कर रहे हैं, लेकिन नियंत्रण हमारे हाथ में है।”

उनका यह भी कहना है कि AI अब केवल संगीत ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में अपनी जगह बना रहा है। “हम इसका सामना कर ही रहे हैं — विज्ञापन, फिल्म, मीडिया, हर क्षेत्र में AI के प्रयोग हो रहे हैं। लेकिन रचनात्मकता अभी भी मानव मन की सबसे बड़ी शक्ति है।”

'रूबरू' गीत के जरिए महादेवन ने न केवल एक नया संगीत प्रयोग प्रस्तुत किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि तकनीक और रचनात्मकता साथ चल सकते हैं। यह प्रयास संगीत उद्योग के लिए एक नई दिशा का संकेत है, जहां परंपरा और नवाचार साथ मिलकर भविष्य का संगीत गढ़ सकते हैं।

इस गीत के माध्यम से शंकर महादेवन ने स्पष्ट संदेश दिया है — तकनीक एक सहयोगी हो सकती है, लेकिन कलाकार की आत्मा, संवेदनशीलता और रचनात्मकता कभी मशीन से नहीं बदली जा सकती। 'रूबरू' न केवल एक गीत है, बल्कि यह उस नए युग की दस्तक है जिसमें संगीत और तकनीक मिलकर नए प्रयोग कर रहे हैं।

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