Shark Tank India 4: पिचर गौरी ने ‘शार्क’ विनीता सिंह और अनुपम मित्तल को लेकर कही बड़ी बात
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Shark Tank India 4: पिचर गौरी ने ‘शार्क’ विनीता सिंह और अनुपम मित्तल को लेकर कही बड़ी बात

Shark Tank India अपने चौथे सीजन के पहले एपिसोड को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है. शो में आई कंटेस्टेंट गौरी वर्मा की शार्क्स पीयूष बंसल और अनुपम मित्तल के साथ बहस हो गई.


रियलिटी शो शार्क टैंक इंडिया अपने चौथे सीजन को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है. इस शो के पहले एपिसोड में ही शार्क्स और कंटेस्टेंट के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली. गौरी को अनुपम मित्तल से बेवकूफी भरी सलाह न देने के लिए कहते हुए देखा गया. शेफ ने आखिरकार नमिता थापर से एक डील हासिल की, जिन्होंने 2 प्रतिशत इक्विटी और 2 प्रतिशत रॉयल्टी के लिए 1 करोड़ रुपये का निवेश किया. अब एक इंटरव्यू में गौरी ने विनीता सिंह और अनुपम की आलोचना करते हुए कहा कि वे बस सुनना नहीं चाहते थे.

अपने एक्पीरियंस को शेयर करते हुए, गौरी ने कहा, ये एक तरह का एक्सपीरियंस था. हर बिजनसमैन को शार्क टैंक के साथ इस सफर से गुजरना चाहिए. ये सिर्फ टैंक में होने के बारे में नहीं है, बल्कि पूरी एक प्रक्रिया है. मेरा मानना है कि मैं इस एक्सपीरियंस के बाद खुद के बेहतर के रूप में सामने आई हूं. कई बिजनेसमैन से मिलना बहुत अच्छा था. हम आमतौर पर अपने काम के कारण इतने अलग-थलग हो जाते हैं कि हम बाहरी दुनिया को भूल जाते हैं. इस में आना मेरे जीवन में लिए गए सबसे अच्छे निर्णयों में से एक था.

गौरी कौशिश ने इंटरव्यू में कहा, पिच का समय बहुत लंबा है. शार्क टैंक पर पिच करना बहुत टफ है. कोई लैपटॉप या कागजात नहीं हैं जिन्हें आप पढ़कर कर सकते हैं. सब कुछ याद रखना पड़ता है. टैंक में पहले 3 मिनट में, आपको बात करने की पूरी आजादी होती है, लेकिन उसके बाद ये एक अलग अनुभव है. मुझे लगा कि ये एक उन्माद था क्योंकि मैं शार्क में जाने से पहले एक भी वाक्य पूरा नहीं कर पाई या अपनी बात नहीं रख पाई. ईमानदारी से, ये मेरी सबसे बड़ी नाराजगी में से एक है. मुझे लगा कि वो सुन नहीं रहे थे, बल्कि बस अपनी कहानी या थोड़ी समझ को आगे बढ़ा रहे थे. मुझे लगा कि ये एक ऐसा मंच था जहां सम्मान होना चाहिए था, लेकिन कभी-कभी जब आप केवल बोलने के लिए बोलते हैं तो ये अनावश्यक होता है और आपको इसके बारे में बताने की आवश्यकता होती है.

उन्होंने कहा, अगर उन्होंने मेरी बातों पर ध्यान दिया होता, तो वो सब कुछ समझ जाते. नमिता थापर ही ऐसी थीं जो सुन रही थीं. बाकी सभी लोग बात कर रहे थे. ये लगभग 45 मिनट तक चला और आपने जो देखा वो बहुत छोटा हिस्सा था. आगे-पीछे की बातें काफी समय तक चलती रहीं, लेकिन हम उस से आगे नहीं बढ़ पाए. उसके बाद, चाहे मैं कितनी भी शांत, शांत और संयमित रहना चाहूं, मैंने बस अपनी बात कह दी.

उन्होंने कहा, अपने एक्सपीरियंस से बोलते हुए, मुझे लगा कि उन्हें बिजनेस में कोई दिलचस्पी नहीं थी या ये एक कमोडिटी थी जो उन्हें आकर्षित नहीं करती थी. वो कहने के लिए कुछ कहना चाहते थे. उन्होंने मुझे कोई भी बात रखने का मौका नहीं दिया. 20 मिनट के एपिसोड में मेरे टर्नओवर के अलावा एक भी नंबर पर चर्चा नहीं हुई. हम सिर्फ भारत बनाम यूएस बिजनेस पर चर्चा करते रहे. लेकिन मुझे इसके लिए आलोचना किए जाने पर बहुत आश्चर्य हुआ. जब से मैंने टैंक में एंटर किया, विनीता बस मेरे पीछे पड़ गई. जब मैंने केक दिखाया और कहा कि ये एक अलग है. उन्होंने एक हुक ढूंढा और उस पर काम करना शुरू कर दिया.

अंत में गौरी ने कहा, मेरा ब्रांड मैं खुद हूं और मैं असुरक्षित नहीं हूं. अच्छा, बुरा या बदसूरत हमेशा आपके किए गए हर काम के साथ आता है. टैंक में मैंने कहा कि मैंने इस ब्रांड को फेसबुक पर शुरू किया है. मुझे अच्छी और बुरी समीक्षाओं, नाराज ग्राहकों, सार्वजनिक आलोचना और ट्रोल की आदत है. मैंने ये सब देखा है. नमिता ने मुझे ईमानदार कहा और मैं कभी भी अपनी सच्चाई को स्वीकार करने से नहीं डरी.

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