Raanjhanaa मेरे लिए सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, Sonam Kapoor ने दिया इमोशनल ट्रिब्यूट
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Sonam Kapoor Raanjhanaa tribute

Raanjhanaa मेरे लिए सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, Sonam Kapoor ने दिया इमोशनल ट्रिब्यूट

सोनम कपूर ने फिल्म रांझणा के 6 साल पूरे होने पर इमोशनल ट्रिब्यूट साझा किया. ये ट्रिब्यूट फिल्म के जज्बात और इसकी यादों को फिर से जीवंत कर देता है.


साल 2019 में जब फिल्म रांझणा ने अपनी रिलीज के 6 साल पूरे किए, तब सोनम कपूर ने सोशल मीडिया पर इस फिल्म को लेकर एक बेहद इमोशनल पोस्ट साझा किया. उन्होंने इस फिल्म को सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि अपने करियर का अहम हिस्सा बताया. एक ऐसा अनुभव जो आज भी उनके दिल के बेहद करीब है. इस खास मौके पर सोनम कपूर ने कुछ अनसीन बिहाइंड द सीन (BTS) तस्वीरें शेयर कीं, जिनमें फिल्म के को-स्टार्स धनुष, अभय देओल और निर्देशक आनंद एल. राय के साथ उनके खूबसूरत पलों को देखा जा सकता है. इन तस्वीरों में सेट का माहौल, कलाकारों की मेहनत और आपसी तालमेल की झलक साफ दिखती है.

सोनम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, रांझणा मेरे दिल के बहुत करीब है. ये उन विचारों और संघर्षों को उजागर करती है जिन पर मैं आज भी सोचती हूं. 6 साल बाद भी. पूरी टीम को दिल से शुक्रिया, जो इतनी रियल और साहसी थी. इन तस्वीरों के जरिए सोनम ने फिल्म के उस इमोशनल पक्ष को दर्शाया, जिसने कहानी को पर्दे से हटकर भी जिंदा बना दिया.

एक प्रेम कहानी जो आज भी दिल को छूती है

साल 2013 में रिलीज हुई रांझणा एक ऐसे प्रेमी की कहानी थी जो अपने प्यार को किसी भी कीमत पर पाने को तैयार था. चाहे वो समाज की बंदिशें हों या धर्म का भेद. धनुष ने अपने हिंदी डेब्यू में कुंदन का किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीत लिया, वहीं सोनम कपूर ने जोया के रूप में एक layered और सशक्त भूमिका निभाई. फिल्म में सिर्फ प्रेम नहीं था, बल्कि राजनीति, धर्म, समाज और जुनून की गहराई भी थी. जो इसे एक गंभीर और संवेदनशील फिल्म बनाती है.

संगीत और निर्देशन की जादूगरी

फिल्म के संगीतकार ए.आर. रहमान ने इसके गीतों को अमर बना दिया. तुम तक, बनारसिया और रांझणा हुआ मैं तेरा जैसे गानों ने फिल्म को दिल से जोड़ दिया. वहीं, आनंद एल. राय के सधे हुए निर्देशन ने बनारस की गलियों से लेकर दिल्ली की सियासत तक कहानी को बखूबी पिरोया. सोनम का ये ट्रिब्यूट सिर्फ एक पुरानी याद नहीं था, बल्कि एक जिंदा विरासत की पहचान था.

आज भी जब लोग रांझणा के डायलॉग, म्यूजिक और कहानी को दोबारा जीते हैं. तब ये साबित होता है कि कुछ फिल्में कभी पुरानी नहीं होतीं, वो समय के साथ और भी ज्यादा असरदार हो जाती हैं. फिल्म रांझणा एक ऐसी फिल्म थी जिसने बॉलीवुड में इमोशनल सिनेमा को नई परिभाषा दी. सोनम कपूर का ये ट्रिब्यूट हमें याद दिलाता है कि फिल्में सिर्फ देखने के लिए नहीं होतीं. कुछ फिल्में दिल में बस जाती हैं.

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