Twinkle Khanna ने बताया मेनोपॉज का दर्द, 40 के बाद क्यों बढ़ जाती है महिलाओं की ये समस्या?
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Twinkle Khanna ने बताया मेनोपॉज का दर्द, 40 के बाद क्यों बढ़ जाती है महिलाओं की ये समस्या?

अक्षय कुमार की पत्नी ट्विंकल खन्ना ने हाल ही में खुलासा किया कि वो मेनोपॉज के फेज से गुजर रही हैं.


बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार की पत्नी और जानी-मानी राइटर ट्विंकल खन्ना ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऐसी बात साझा की, जिससे लाखों महिलाएं खुद को जोड़ पा रही हैं. ट्विंकल ने खुलकर बताया कि वो मेनोपॉज (Menopause) के फेज से गुजर रही हैं. जो हर महिला की जिंदगी का एक स्वाभाविक लेकिन चुनौतीभरा चरण होता है. उन्होंने बताया कि इस दौर में शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह के बदलाव होते हैं, लेकिन एक्सरसाइज और सकारात्मक सोच से इसे आसानी से संभाला जा सकता है.

ट्विंकल खन्ना ने शेयर किया अपना अनुभव

इंस्टाग्राम पर लिखे अपने पोस्ट में ट्विंकल ने बताया कि इस उम्र में नींद पूरी न होना, थकान, और मूड स्विंग जैसी दिक्कतें आम हो जाती हैं. उन्होंने कहा, हम अपने शरीर में हो रहे बदलावों से डरने के बजाय उन्हें स्वीकार करें। खुद को समझें और संभालें. ट्विंकल का मानना है कि इस समय वेट लिफ्टिंग (Weight Lifting) यानी वजन उठाने की एक्सरसाइज काफी फायदेमंद है. इससे न सिर्फ शरीर मजबूत रहता है बल्कि मानसिक तनाव भी कम होता है.

क्या होता है मेनोपॉज?

मेनोपॉज वो स्टेज है जब महिलाओं की ओवरीज एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हॉर्मोन बनाना बंद कर देती हैं. आमतौर पर ये अवस्था 45 से 50 साल की उम्र के बीच आती है. इस दौरान महिलाओं के पीरियड्स धीरे-धीरे बंद हो जाते हैं और शरीर में कई हॉर्मोनल बदलाव शुरू हो जाते हैं. इनसे जुड़े आम लक्षण हैं, अचानक गर्मी लगना, मूड स्विंग्स होना, नींद में परेशानी होनी, थकान या चिड़चिड़ापन होना और हड्डियों में दर्द या कमजोरी आना.

वेट लिफ्टिंग से मिलती है राहत

ट्विंकल के मुताबिक, मेनोपॉज के दौरान वेट ट्रेनिंग एक बेहतरीन उपाय है. ये न केवल मसल्स को मजबूत करती है बल्कि हड्डियों की डेंसिटी बढ़ाने में भी मदद करती है. इस उम्र में हड्डियां कमजोर होना (Osteoporosis) आम बात है, ऐसे में हल्का वर्कआउट शरीर को संतुलित और एक्टिव बनाए रखता है. डॉक्टर भी मानते हैं वर्कआउट जरूरी. ही हां, हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, मेनोपॉज के समय फिजिकल एक्टिविटी बेहद जरूरी है. नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज, योग और ध्यान (Meditation) करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. स्ट्रेस लेवल घटता है, मूड अच्छा रहता है और नींद में सुधार आता है. वर्कआउट के दौरान शरीर में एंडोर्फिन (Endorphins) निकलते हैं, जिन्हें ‘हैप्पी हॉर्मोन’ कहा जाता है.

डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव भी जरूरी

मेनोपॉज के दौर में संतुलित आहार और हेल्दी लाइफस्टाइल बहुत मददगार होते हैं. डॉक्टरों के अनुसार, महिलाओं को इस समय अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. हरी सब्जियां और फल, प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर चीजें, पानी और हर्बल ड्रिंक्स. वहीं, कैफीन, स्मोकिंग और अल्कोहल से दूरी बनाना बेहतर है. साथ ही, रोजाना थोड़ा ध्यान (Meditation) और पर्याप्त नींद लेना मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है.

ट्विंकल का संदेश हर महिला के लिए

ट्विंकल ने अपने पोस्ट के अंत में लिखा, हम महिलाएं अपने शरीर के हर बदलाव को छिपाने या शर्माने के बजाय गर्व से स्वीकारें. ये कमजोरी नहीं, हमारी नेचुरल यात्रा है. उनकी ये बात सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है और कई महिलाएं कमेंट्स में अपनी कहानियां साझा कर रही हैं. ट्विंकल खन्ना का ये ईमानदार खुलासा सिर्फ एक निजी अनुभव नहीं, बल्कि एक सोशल अवेयरनेस संदेश है. उनकी तरह अगर हर महिला अपने शरीर के बदलावों को समझे और खुद का ख्याल रखे, तो मेनोपॉज का यह दौर सहज और स्वस्थ तरीके से पार किया जा सकता है. ट्विंकल का संदेश साफ है. मेनोपॉज कोई अंत नहीं, बल्कि खुद को नए सिरे से समझने की शुरुआत है.

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