पुराने से पुराना दर्द नहीं सताएगा, बदलते मौसम में रखें पैरों का खयाल
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पुराने से पुराना दर्द नहीं सताएगा, बदलते मौसम में रखें पैरों का खयाल

धीरे-धीरे गर्मी की तरफ बढ़ते मौसम में हेल्थ कॉन्शियस लोग भी ऐसी भूल कर बैठते हैं कि उन्हें बॉडी पेन या किसी खास हिस्से में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है


Why Does Knee Pain Suddenly Increase: मौसम बदलने के साथ शरीर को कई तरह के बदलावों का सामना करना पड़ता है, जिनमें पैरों और टांगों की देखभाल अक्सर नजरअंदाज हो जाती है। खासतौर पर जब कड़ाके की सर्दी के बाद गर्मी का मौसम आ रहा होता है तो हम सभी अचानक से फिटनेस फ्रीक हो जाते हैं और वेटलॉस के नए-नए टार्गेट खुद को देने लगते हैं। बस, पतला होने की इसी हड़बड़ी में कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जो जोड़ों का दर्द बढ़ने की वजह बनती हैं...

क्यों होती है पैरों में दर्द और कमजोरी की शिकायत?

खासतौर पर बुजुर्गों, डायबिटीज के मरीजों और लंबे समय तक खड़े रहने वालों को पैरों की खास देखभाल की जरूरत होती है। क्योंकि सर्दी के मौसम में धूप देर से आती है और शाम जल्दी हो जाती है इसलिए ज्यादातर लोगों को वॉक करने का समय नहीं मिल पाता। ऐसे में जब मौसम बदलना शुरू होता है और मार्च का महीना आता है तो ज्यादातर लोग अचानक से अपनी फिटनेस को लेकर पैशनेट हो जाते हैं। मॉर्निंग वॉक करने वाले लोग पार्क या ग्राउंड में घास पर नंगे पैर टहलना शुरू कर देते हैं। लेकिन ऐसा करना कई स्थितियों में घुटनों और जोड़ों में दर्द बढ़ने का कारण बन जाता है।

घास पर टहलने का सही तरीका

सुबह के समय घास पर नंगे पैर टहलने से दिमाग शांत रहता है और याददाश्त बढ़ती है। साथ ही आंखों की रोशनी भी अच्छी बनी रहती है। लेकिन इस मौसम में घास पर नंगे पैर टहलने से उन लोगों के शरीर में दर्द बढ़ सकता है, जिन्हें पहले से अर्थराइटिस की समस्या है, कोई पुरानी चोट या सर्जरी होने के बाद शरीर के किसी हिस्से में दर्द रहता है...। क्योंकि इस समय पर सुबह के समय मौसम बहुत अधिक ठंडा रहता है और घास पर पड़ी ओस की बूंदों पर टहलने से शरीर का तापमान और अधिक कम हो सकता है। साथ ही शरीर में बढ़ी ठंडक दर्द बढ़ने का कारण बन जाती है।

इसलिए घास पर नंगे पैर टलने के लिए अप्रैल महीने की प्रतीक्षा करें। अप्रैल-मई-जून इन तीन महीनों में सुबह के समय घास पर जरूर नंगे पैर टलना चाहिए। ताकि घास पर बिछीं ओस की बूदें मस्तिष्क और आंखों को हेल्दी बनाएं। बारिश के महीनों जैसे, जुलाई और अगस्त में घास पर नंगे पैर टहलते समय थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि इस समय पर पैरों में इंफेक्शन का डर, कीड़ों के काटने का डर बना रहता है। इस समय पर यदि आप घास में टहलें तो घर आकर पैरों की अच्छी तरह सफाई करें और सरसों तेल या नारियल तेल लगाकर मसाज करें। ताकि किसी तरह का बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन त्वचा को परेशान ना करें।

बदलते मौसम में पैरों की देखभाल कैसे करें?

  • मॉइश्चराइजिंग जरूरी है इसके लिए पैरों पर रोजाना नारियल तेल, सरसों तेल या एलोवेरा जेल लगाकर मसाज करें।
  • गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक डालकर पैरों को 10 मिनट तक डुबोकर रखें। ऐसा रात के समय करने पर अच्छी नींद आएगी।
  • रोजाना हल्के साबुन और पानी से पैर धोएं ताकि पसीना और धूल से बचा जा सके।
  • यदि आप किसी ऐसी जॉब में हैं, जहां अधिक चलना पड़ता है तो अपने लिए जूते-चप्पल सावधानी से चुनें। ऐसे फुटवियर लें, जिनमें पैर तेज धूप से भी बचें और इन्हें हल्की हवा भी लगती रहे।
  • नारियल तेल में नींबू का रस मिलाकर फटी एड़ियों पर लगाएं। दिन में एक बार या रात को सोने से पहले गुलाब जल और ग्लिसरीन का मिश्रण लगाएं ताकि पैरों की स्किन सॉफ्ट रहे।
  • पानी में फिटकरी मिलाकर पैर धोने से फंगल इन्फेक्शन से बचाव होता है।

अगर पैरों में दर्द, सूजन या इन्फेक्शन की समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। हेल्दी पैर आपको पूरे दिन एक्टिव और फिट बनाए रखते हैं। इसलिए पूरी बॉडी फिट रहे इसके लिए पैरों का फिट रहना बहुत जरूरी है। यह आर्टिकल वैद्य सुरेंद्र सिंह राजपूत से की गई बातचीत पर आधारित है। ये पिछले 4० वर्षों से इस पेथी के जरिए रोगियों का उपचार कर रहे हैं।

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