हेमंत सोरेन ने ली शपथ, तीसरी बार बने झारखण्ड के मुख्यमंत्री
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हेमंत सोरेन ने ली शपथ, तीसरी बार बने झारखण्ड के मुख्यमंत्री

हेमंत सोरेन तीसरी बार बने झारखण्ड के मुख्यमंत्री, जनवरी में ईडी ने किया था गिरफ्तार. गिरफ्तारी से ठीक पहले दिया था मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा


Hemnat Soren: हेमंत सोरेन ने तीसरी बार झारखण्ड के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है. जनवरी महीने में ईडी की गिरफ्तारी से एन पहले हेमंत सोरेन ने झारखण्ड के राज्यभवन में जाकर पद से इस्तीफा दिया था. आज लगभग 5 महीने हेमंत सोरेन ने एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर उसी राजभवन में शपथ ली. इससे पहले बुधवार यानी 3 जुलाई को उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया था और उसके तुरंत बाद ही चंपाई सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. हेमंत सोरेन ने भी कल ही विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंप दिया था. पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि हेमंत 7 जुलाई को शपथ ले सकते हैं, लेकिन उन्होंने गुरुवार 4 जुलाई को शाम 5 बजे ही राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है.


माता पिता और पत्नी भी शामिल हुए समारोह में

शपथ ग्रहण के दौरान राजभवन में हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन, उनकी मां और पत्नी कल्पना सोरेन भी शामिल हुए. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा( JMM ) ने इससे चम्पई सोरेन ने राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद 3 जुलाई को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने हेमंत सोरेन को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था. पहले ये बताया गया था कि शपथ ग्हैरहण समारोह 7 जुलाई को होगा लेकिन बाद में JMM ने फैसला किया कि सोरेन आज ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.



मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले हेमंत सोरेन ने जनता को दिया सन्देश

झारखण्ड और देश की जनता को मेरी ओर से जोहार. आज 4 तारीख है. 31 जनवरी को इसी जगह से मैंने सन्देश दिया था, कि कैसे मेरे विरोधियों ने षड्यंत्र रचा और वो कामयाब भी हुए. मुझे 5 महीने तक जेल रखा. हमने भी क़ानूनी लड़ाई का रास्ता चुना. आप लोगों का सहयोग मिला. न्याय का साथ मिला, मुझे पाक साफ़ करार दिया गया. मै आपके सामने हूँ. 2019 में आपने मुझे मौका दिया लेकिन हमारे षड्यंत्रकारियों को ये पचा नहीं कि कैसे एक आदिवासी नौजवान इतने ऊँचे पद पर जा सकता है. 31 जनवरी को मुझ पर झूठे आरोप लगा कर मुझे मुख्यमंत्री पद से हटने पर मजबूर कर दिया. लोकसभा में जिस तरह से आप लोगों ने हमारा साथ दिया, मैं उसके लिए कृतज्ञ हूँ. गरीब को बगैर संघर्ष के कुछ नहीं मिला है. अब मै पुन: आपके समक्ष आ रहा हूँ. इस राज्य के लिए मेरा हर निर्णय यहाँ के मूल वासियों आदिवासियों के लिए, दबे कुचले और शोषितों के लिए होगा.


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