टॉप LeT आतंकी अबू क़ताल की हत्या: हाफिज सईद पर बढ़ा खतरा, बनेगा अगला निशाना?
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टॉप LeT आतंकी अबू क़ताल की हत्या: हाफिज सईद पर बढ़ा खतरा, बनेगा अगला निशाना?

Abu Qatal की हत्या LeT के लिए बहुत बड़ा झटका है. यह घटना LeT में नेतृत्व की कमी उत्पन्न कर सकती है और संगठन की ज़मीनी ऑपरेशनों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है.


LeT chief Hafiz Saeed: अबू क़ताल की हत्या ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के लिए एक गंभीर झटका दिया है और रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हाफिज सईद पर अब आतंकवाद विरोधी कार्रवाई तेज हो सकती है. साथ ही, पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादियों के खिलाफ और भी सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है, ताकि इस तरह के आतंकवादी समूहों को पूरी तरह से खत्म किया जा सके.

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना LeT के संस्थापक और 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान में चल रही आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में अब हाफिज सईद को भी निशाना बनाया जा सकता है. बता दें कि अबू क़तल हाफिज सईद का भतीजा था और 2023 के राजौरी हमले और 2024 के रियासी हमले में शामिल था. वह पाकिस्तान के मंगला-झेलम रोड पर फायरिंग में मारा गया. इस हमले में उसका सशस्त्र गार्ड भी मारा गया.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अबू क़तल की हत्या LeT के लिए बहुत बड़ा झटका है. यह घटना LeT में नेतृत्व की कमी उत्पन्न कर सकती है और संगठन की ज़मीनी ऑपरेशनों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है. यह घटना संकेत देती है कि पाकिस्तान के दुश्मनों को समय आने पर निशाना बनाया जाएगा, जिससे आतंकवादी संगठनों में नई भर्ती पर प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, नए ऑपरेटर मारे गए लोगों की जगह ले सकते हैं. लेकिन LeT की ऑपरेशनल क्षमता पर गहरा असर पड़ेगा. जम्मू और कश्मीर में हिंसा में कमी आई है और अब हमले केवल महिला, बच्चे, हिंदू और प्रवासी श्रमिकों तक ही सीमित हो गए हैं.

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि दस हाफिज सईद को मारने से आतंकवाद समाप्त नहीं होगा. आतंकवाद के खिलाफ व्यापक और दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता है. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और अन्य सीमा क्षेत्रों में आतंकवादी सक्रिय हैं. ऐसे में सर्जिकल स्ट्राइक की आवश्यकता है, ताकि आतंकवादी फिर से सिर न उठा सकें. अगर इन क्षेत्रों में आतंकवादियों को खत्म नहीं करते तो छह सप्ताह बाद ये फिर से उभर सकते हैं.

हाफिज सईद पर हो सकता है हमला

विदेश नीति के विशेषज्ञों का मानना है कि अबू क़ताल की हत्या यह दर्शाती है कि खुफिया एजेंसियां LeT की उच्च कमान के पास पहुंचने में सफल हो रही हैं, जिसमें हाफिज सईद भी शामिल है. उन्होंने यह संभावना जताई कि हाफिज सईद अपनी सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी सेना से अतिरिक्त सहायता मांग सकता है. हालांकि, वह पहले से ही पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की निगरानी में है. अबू क़तल का मारा जाना यह दर्शाता है कि जो लोग उन्हें ट्रैक कर रहे थे, वे अब बहुत करीब पहुंच चुके हैं. अगर हाफिज सईद के करीबी सहयोगी मारे जा रहे हैं तो यह संकेत है कि हाफिज सईद भी शायद जल्द ही एक ऐसे हालात का सामना कर सकता है, जिसमें उनका अंत भी हो सकता है. अबू क़ताल कश्मीर, राजौरी, पुंछ और PoK में कई आतंकी हमलों में शामिल था.

चीन-पाकिस्तान संबंधों पर असर

अबू क़ताल की हत्या ने चीन-पाकिस्तान के रिश्तों को भी प्रभावित किया है. चीन ने पाकिस्तान से बलूच हमलों के कारण आर्थिक गलियारे की सुरक्षा में असमर्थता पर असंतोष व्यक्त किया है. रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन पाकिस्तान की असमर्थता से नाखुश है. क्योंकि वह बलूच हमलों से आर्थिक गलियारे की सुरक्षा नहीं कर सका. चीन ने चेतावनी दी है कि जब तक पाकिस्तान इन आतंकवादी तत्वों को समाप्त नहीं करता, वह इस गलियारे में कोई नई निवेश नहीं करेगा. इस घटना ने केवल पाकिस्तान के भीतर चल रही आतंकवाद-रोधी कार्रवाई को ही प्रभावित नहीं किया, बल्कि चीन और पाकिस्तान के बीच की रणनीतिक और आर्थिक स्थिति पर भी असर डाला है.

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