इन्द्रेश कुमार के बयान के बाद फिर छिड़ी बीजेपी और आरएसएस के बीच टसल की बहस
आरएसएस कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार ने भी चुनाव परिणामों को लेकर बीजेपी पर टिपण्णी की है, हालाँकि 24 घंटे के भीतर ही उन्होंने अपने बयान को घुमाते हुए तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर दी बधाई.
BJP RSS Row: लोकसभा चुनाव के दरम्यान ही बीजेपी और आरएसएस के बीच चल रही टसल की खबरें आना शुरू हुई, जिसकी झलक परिणाम आने और नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री के शपथ लेने के बाद भी दिख रही है. जहाँ संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मोदी सरकार के गठन ने बाद मणिपुर हिंसा पर टिपण्णी की तो वहीँ अब आरएसएस कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार ने भी चुनाव परिणामों को लेकर बीजेपी पर टिपण्णी की है, हालाँकि 24 घंटे के भीतर ही उन्होंने अपने बयान को घुमाते हुए तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर दी बधाई.
क्या कहा था इन्द्रेश कुमार
इन्द्रेश कुमार ने जयपुर में आयोजित एक सम्मलेन के दौरान कहा कि राम सबके साथ न्याय करते हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव को ही देख लीजिए, जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन जब उनमें अहंकार आ गया तो भगवान ने अपने तरीके से उनके अहंकार को दूर किया. उन्हें 241 सीट देकर देश में सबसे बड़ी पार्टी तो बनाया लेकिन पूर्ण बहुमत से दूर रखा. वहीँ जिन लोगों ने राम का विरोध किया, उन्हें बिलकुल भी शक्ति नहीं दी. सब मिलकर भी बीजेपी के 241 के अंक से पीछे ही रहे. इसलिए प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है, सत्य है, बड़ा आनंददायक है. इन्द्रेश कुमार के इस बयां, ख़ास तौर से बीजेपी को पूर्ण बहुमत न मिलने वाले बयान ने जब तूल पकड़ा तो फिर इन्द्रेश कुमार ने 24 घंटे के अंदर ही अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि को बदल दिया, उन्होंने कहा कि देश का वातावरण इस समय में बहुत स्पष्ट है, जिन्होंने राम का विरोध किया वे सब सत्ता से बाहर हैं और जिन्होंने राम की भक्ति का संकल्प लिया, वे आज सत्ता में हैं.
इन्द्रेश कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बन गई है. देश उनके नेतृत्व में दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करेगा, ये विश्वास जन-जन में जागृत हुआ है.
अयोध्या में हुई हार पर क्या बोले इन्द्रेश कुमार
इन्द्रेश कुमार ने अयोध्या में हुई बीजेपी की हार पर कहा कि लल्लू सिंह ने जनता पर जो जुल्म किये उसको ध्यान में रखते हुए राम जी ने उन्हें 5 साल का विश्राम दिया. जिसने राम की भक्ति की, फिर अहंकार किया, जो राम का विरोध करे असका अकल्याण अपने आप हो गया.
राम सीता के परित्याग की नयी कहानी भी सुनाई
इन्द्रेश कुमार ने बीजेपी को नसीहत देते हुए भगवान राम द्वारा माता सीता के परित्याग की नयी कहानी सुनाई. उन्होंने कहा कि भगवान राम हर 100 वर्ष में अश्वमेघ यग्य करते थे, ताकि उनके राज्य में कोई भूखा न रहे, किसी का अधिकार न छिने. इन्द्रश कुमार कहते हैं कि जब राम राज्य अंत समय के नजदीक आता है तो माता सीता खुद श्री राम जी से कहती हैं कि आपके राज्य में लोगों को ये शक होने लगा है कि तुम भोग विलास में तो नहीं लग जाओगे. अपने भाइयों, रिश्तेदारों के हितों में तो नहीं उलझोगे. आपके अंदर सत्ता का अहंकार तो नहीं आ जायेगा, जब ये चर्चा सीता ने की तो राम ने पुचा कि मुझे किस चीज का परित्याग करना चाहिए?
सीता ने कहा कि आपकी प्रियतम कौन है, उसका परित्याग कर दीजिये. दुनिया हमेशा के लिए उदाहरण मानकर आपका सम्मान करेगी. इसलिए राम ने चर्चा करके ही सीता के त्याग की परिकल्पना की थी. ये तय हुआ कि जब तक सीता वनवास में रहेंगी तो हनुमान जी उनके सेवक और दूत बनकर उनके पास रहेंगे.