रॉकेट लांचिंग इतिहास में एक और कामयाबी, अग्निबाण SOrTeD के बारे में जानें सब कुछ
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30 मई 2024 को अग्निबाण चेन्नई से लांच किया गया.

रॉकेट लांचिंग इतिहास में एक और कामयाबी, अग्निबाण SOrTeD के बारे में जानें सब कुछ

साइंस के क्षेत्र में भारतीय मेधा का कोई जवाब नहीं है. अग्निकुल कॉसमॉस ने अग्निबाण को लांच किया है. यहां पर हम इस मिशन से जुड़ी हर एक छोटी बात बताएंगे


Agnikul Rocket Launch: स्पेस साइंस में अब भारत दुनिया के उन देशों में शामिल हो चुका है जिनकी बादशाहत थी. इसरो की झोली में एक से बढ़कर एक कामयाबी है. वहीं रॉकेट विकास और उसे लांच करने की दिशा में अग्निकुल कॉसमॉस चेन्नई को बड़ी कामयाबी मिली है. 30 मई को अग्निकुल ने SOrTeD यानी अग्निबाण को लांच किया है. यह सब ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डिमांस्ट्रेटर है. इसकी टेस्टिंग कई वजहों से खास है. 2017 में अग्निकुल कॉसमॉस की स्थापना की गई थी.

क्या है SOrTeD
  • यह देश में निजी लांचपैड के जरिए पहला रॉकेट लांच है. इससे साइंस के क्षेत्र नई खोज की शुरुआत माना जा रहा है
  • यह भारत का पहला सेमी क्रायोजेनिक इंजन के जरिए संचालित रॉकेट है.
  • दुनिया का पहला सिंगल पीस 3 डी प्रिंटेड इंजन है. इसे स्वदेशी रूप से डिजाइन करने के साथ मैन्यूफैक्चर भी किया गया है.

क्या होता है सेमी क्रायोजेनिक इंजन

अब बात करेंगे कि सेमी क्रायोजेनिक इंजन क्या है. जैसा कि हम सब जानते हैं कि किसी भी इंजन को चलाने के लिए ईंधन की जरूरत होती है, ईंधन, ठोस, तरल और गैस तीनों रूप में हो सकता है. सेमी क्रायोजेनिक इंजन में तरल ऑरक्जीसन और हाइड्रोकार्बन ईंधन का इस्तेमाल होता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इंजन के हैंडलिंग और प्रदर्शन में संतुलन बना रहता है.

क्या होता है 3 डी प्रिंटेड इंजन

यह इनोवेशन की दिशा में बड़ा कदम है, यह सिंगल पीस निर्माण का बेहतरीन उदाहरण है.इसमें असेंबली संबंधी कठिनाइयां कम होने के साथ ही निर्माण लागत में भी कमी आती है.

सब ऑर्बिटल लांच

इसमें अंतरिक्ष यान स्पेस में पहुंचता है लेकिन धरती के चारों ओर कक्षा में दाखिले के लिए पर्याप्त वेग हासिल नहीं कर पाता. इस मिशन के जरिए कई तकनीक परीक्षण किए जाते हैं, साइंटिफिक रिसर्च में कामयाबी मिलती है.

'भारत के लिए गर्व की बात'

भारतीय अंतरिक्ष संघ (ISPA) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ए.के. भट्ट ने इस मिशन को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि भारत के संपन्न निजी अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक बहुत बड़ा बढ़ावा और गर्व का पल है. यह इस बात की एक झलक मात्र है कि भविष्य में हमारे लिए क्या छिपा है. इसके पीछे पूरी टीम को हमारी हार्दिक बधाई और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं. यह महत्वपूर्ण प्रक्षेपण, IN-SPACe द्वारा भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 के कार्यान्वयन के लिए हाल ही में पेश किए गए दिशा-निर्देशों और नए FDI नियमों के साथ मिलकर निस्संदेह भारत के निजी अंतरिक्ष उद्योग और इसकी बढ़ती क्षमताओं में वैश्विक विश्वास को बढ़ाने में भी मदद करेगा.

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