लुभाने की कवायद फिर भी सवाल चार साल बाद क्या, जानें- अग्निपथ स्कीम की खास बातें
अग्निवीरों के मुद्दे पर अलग अलग तरीके से ऐलान किए जा रहे हैं. लेकिन जमीनी स्तर पर युवाओं को अग्निपथ स्कीम रास नहीं आ रही. इन सबके बीच हम बताएंगे कि क्या है यह स्कीम.
Agnipath Scheme: अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों की भर्ती हो रही है. लेकिन यह स्कीम युवाओं को लुभा नहीं रही है और उसका असर भी देखा जा रहा है. अग्निवीरों के मुताबिक चार साल बाद वो क्या करेंगे. अग्निवीर के परिवार भी यही सवाल करते हैं. विपक्ष इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर पहले से ही हमलावर है. केंद्र और कुछ राज्यों की तरफ से आकर्षक योजनाओं का ऐलान किया गया है जैसे हरियाणा ने स्टेट जॉब में 10 फीसद आरक्षण देने का फैसला किया. इन सबके बीच यहां पर हम अग्निपथ स्कीम से जुड़ी बातों को बताएंगे.सीआईएसएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ और एसएसबी ने पहले ही अग्निवीरों को 10 फीसद आरक्षण देने का ऐलान किया है. पहले तो यह समझिए कि अग्निपथ स्कीम क्या है.
अग्निपथ स्कीम
इस स्कीम के तहत आर्मी, एयरफोर्स और नेवी में भर्तियां हो रही हैं. इसके तहत भर्ती मौजूदा रैंक से अलग है और इन्हें अग्निवीर का नाम दिया गया है. अग्निवीरों की भर्ती के लिए न्यूनतम आयु साढ़े 17 साल से लेकर 23 के बीच की है. यानी कि अगर कोई युवा साढ़े 17 साल की उम्र में अग्निवीर बनता है तो वो साढ़े 21 साल में रिटायर हो जाएगा. या कोई युवा 23 साल की उम्र में नौकरी पाता है तो वो 27 साल में रिटायर होगा.इस योजना को दो साल पहले लागू किया गया है. लेकिन विरोध जबरदस्त है.
अगर कोई अग्निवीर ड्यूटी पर नहीं होता है तो उसे पहले साल 30 हजार रुपए महीने की सैलरी, दूसरे साल 33 हजार, तीसरे साल 36500 रुपए और चौथे साल 40 हजार की रकम तय की गई है. इसमें 30 फीसद पैसे कटेंगे और इतनी ही राशि सरकार भी देगी. इसके साथ ही रिस्क,राशन अलाउंस, ड्रेस, ट्रवेल अलाउंस भी मिलेगा.बता दें कि यह सब मुफ्त में है,यानी कि रिटायरमेंट फंड काटकर पहले साल अग्निवीर को दो लाख 52 हजार, दूसरे साल दो लाख 77 हजार 200, तीसरे साल तीन लाख 6 हजार के करीब और चौथे साल 3 लाख 36 हजार रुपए मिलेंगे.ये वो रकम है जिसे अग्निवीर पूरी तरह बचा सकता है क्योंकि रहना, खाना, इलाज सब कुछ मुफ्त है.
ड्यूटी के दौरान जान गई तो
अगर ड्यूटी के दौरान अग्निवीर शहीद होता है तो उसके परिवार को मुआवजा मिलेगा. मुआवजे में 48 लाख का बीमा कवर, 44 लाख एक्स ग्रैशिया, जितना कार्यकाल बचा होगा उस अवधि का पूरा वेतन और सेवा निधि मिलेगी. इसके साथ अग्निवीर कार्पस फंड से ब्याज के साथ सरकारी मदद. अगर ड्यटी के दौरान अग्निवीर शहीद नहीं होता है उस केस में सिर्फ एक्स ग्रैशिया की रकम यानी 44 लाख नहीं मिलेंगे.
दिव्यांग होने पर
ड्यूटी के दौरान दिव्यांग होने की सूरत में दिव्यांगता के आधार पर रकम दी जाती है. अगर कोई अग्निवीर 100 फीसद दिव्यांग होता है तो उसे 44 लाख, 50 फीसद पर 25 लाख और 25 फीसद पर 15 लाख की अनुग्रह राशि दी जाती है. इसके साथ ही चार साल का पूरा वेतन,सेवा निधि में जमा रकम मिल जाती है.