
‘चायवाला’ पीएम मोदी का AI वीडियो बना विवाद का कारण; संसद के शीतकालीन सत्र में गरमाई राजनीति
कांग्रेस द्वारा साझा किया गया AI वीडियो बीजेपी की नाराज़गी का कारण बना, ओबीसी समुदाय के “अपमान” का आरोप भी लगाया गया
कांग्रेस नेता रागिनी नायक द्वारा साझा किए गए एक AI-जनित वीडियो ने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस क्लिप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक वैश्विक कार्यक्रम में चाय की केतली और ग्लास लिए हुए दिखाया गया है। पीएम की बचपन की ‘चायवाला’ पहचान की ओर संकेत करने वाले इस वीडियो ने कांग्रेस के लिए नकारात्मक प्रतिक्रियाएँ खड़ी कर दी हैं।
बीजेपी ने तुरंत वीडियो की निंदा करते हुए कांग्रेस पर प्रधानमंत्री का “अपमान” करने का आरोप लगाया। जबकि विपक्ष संसद में SIR जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की मांग कर रहा है, उसी बीच कांग्रेस नेता रागिनी नायक ने यह AI वीडियो पोस्ट किया और लिखा—“अब ई कौन किया बे?”
‘चायवाला’ टिप्पणी फिर चर्चा में
वीडियो में प्रधानमंत्री हल्के नीले कोट और काली पैंट में रेड कार्पेट इवेंट पर चाय की केतली और ग्लास लिए चलते दिखते हैं। पृष्ठभूमि में अंतरराष्ट्रीय झंडे और तिरंगा दिख रहा है। एक आवाज़, जो प्रधानमंत्री की आवाज़ की नकल करती है, कहती है—“चाय बोलो, चाहिए?”
पीएम मोदी कई बार बता चुके हैं कि उनके पिता गुजरात के वडनगर स्टेशन पर चाय बेचते थे और वे बचपन में उनकी मदद करते थे। लेकिन उनकी ‘चायवाला’ पृष्ठभूमि पर तंज कसना पहले भी कांग्रेस के लिए उल्टा पड़ा है।
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी के साधारण पृष्ठभूमि का मज़ाक उड़ाते हुए टिप्पणी की थी कि वह कभी पीएम नहीं बन सकते। यह ताना बाद में कांग्रेस पर भारी पड़ा और मोदी ऐतिहासिक जीत के साथ प्रधानमंत्री बने। बाद में अय्यर ने अपनी किताब में लिखा कि उन्होंने कभी शाब्दिक रूप से मोदी को “चायवाला” नहीं कहा, लेकिन स्वीकार किया कि उनका व्यंग्यात्मक बयान कांग्रेस के लिए बड़ी राजनीतिक चूक साबित हुआ।
मोदी और उनकी मां से जुड़े AI वीडियो पर भी विवाद
इस साल सितंबर में बिहार चुनावों से पहले बिहार कांग्रेस ने एक और AI वीडियो जारी किया था, जिसमें मोदी को अपनी दिवंगत मां का सपना देखते हुए दिखाया गया था। वीडियो में उनकी मां को मोदी की बिहार राजनीति की आलोचना करते दिखाया गया था। इस पर भारी हंगामा हुआ और पटना हाई कोर्ट ने इसे सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दिया था।
बीजेपी ने इसे अपमान से जोड़ा
नवीनतम वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ बीजेपी नेता सीआर केसवन ने इसे “गंभीर अपमान” बताया और कहा कि यह ओबीसी समुदाय पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस “स्वीकार नहीं कर पा रही है” कि मोदी मेहनत और संघर्ष के दम पर उठे, जबकि राहुल गांधी “अधिकारवादी” पृष्ठभूमि से आते हैं और जनता ने उन्हें बार-बार नकारा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस बार-बार प्रधानमंत्री और उनकी दिवंगत मां पर व्यक्तिगत हमले करती रही है। केसवन ने चेतावनी दी कि जनता इस “पतनशील राजनीति” का जवाब देगी।
बीजेपी प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने कहा कि “नामदार कांग्रेस” एक “कामदार” ओबीसी पृष्ठभूमि से आए प्रधानमंत्री को बर्दाश्त नहीं कर पाती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले भी मोदी की चायवाला पहचान और उनकी मां का अपमान कर चुकी है। “जनता ऐसे हमलों को माफ नहीं करेगी,” पूनावाला ने कहा।
संसद का एजेंडा और नए विवाद
संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हुआ है और सरकार ने व्यापक विधायी एजेंडा प्रस्तुत किया है। विपक्ष महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। इसके बावजूद, इन विवादों—चायवाला वीडियो से लेकर संसद में कुत्ते की उपस्थिति पर हंगामा—ने फिलहाल मुख्य बहस को पीछे धकेल दिया है।

