ऑपरेशन सिंदूर: 50 से भी कम हमलों में झुका पाकिस्तान– एयर मार्शल तिवारी
x

ऑपरेशन सिंदूर: 50 से भी कम हमलों में झुका पाकिस्तान– एयर मार्शल तिवारी

Indian defense strategy: ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय वायुशक्ति की रणनीतिक क्षमता और प्रभावशीलता को वैश्विक पटल पर प्रदर्शित किया है. अब भारत आतंकवाद को जवाब देने के लिए केवल कूटनीतिक तरीकों पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि जरूरत पड़ी तो वायुसेना की निर्णायक ताकत का भी उपयोग करेगा.


Operation Sindoor: भारतीय वायुसेना (IAF) के उपप्रमुख एयर मार्शल नरमदेश्वर तिवारी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के हवाई ठिकानों और रडार साइट्स पर भारत द्वारा दागे गए 50 से भी कम एयर-लॉन्च हथियारों ने पड़ोसी देश को शांति वार्ता के लिए मजबूर कर दिया. हैदराबाद में आयोजित 'Capstone' एयरोस्पेस सेमिनार में बोलते हुए एयर मार्शल तिवारी ने कहा कि हमने हवाई ताकत की काफी चर्चा की है। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर से बेहतर उदाहरण और क्या हो सकता है.

अब भी जारी है ऑपरेशन सिंदूर: CDS

इस मौके पर थलसेना प्रमुख (CDS) जनरल अनिल चौहान ने भी जोर दिया कि भारतीय सशस्त्र बलों को सालभर और चौबीसों घंटे अत्यधिक युद्ध तत्परता बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि "ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है". उन्होंने कहा कि युद्ध में कोई रनर-अप नहीं होता. आज तकनीक और भू-राजनीतिक बदलावों ने युद्ध के तीसरे युग की शुरुआत कर दी है. अब हमें सिर्फ योद्धा नहीं, बल्कि 'सूचना योद्धा', 'तकनीक योद्धा' और 'ज्ञान योद्धा' चाहिए.

इस्तेमाल हुए आधुनिक हथियार और विमान

हालांकि, एयर मार्शल तिवारी ने ऑपरेशन में इस्तेमाल हथियारों की स्पष्ट जानकारी नहीं दी, पर सूत्रों के अनुसार IAF ने Sukhoi-30MKI, Rafale और Mirage-2000 जैसे लड़ाकू विमानों से BrahMos सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल, क्रिस्टल मेज़-2, Scalp और Rampage मिसाइलें दागीं. ये हमले पाकिस्तान की उन एयरबेस और रडार साइट्स पर किए गए, जो परमाणु ठिकानों और कमांड एंड कंट्रोल ढांचे के पास स्थित थीं.

ड्रोन बनाम मानवयुक्त विमान

एयर मार्शल तिवारी ने मानव रहित प्रणाली (ड्रोन) की तुलना में मानवयुक्त विमानों की अहमियत को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि हम ड्रोन को लेकर कुछ ज़्यादा ही उम्मीदें पाल बैठे हैं. आधुनिक युद्ध में उनकी उपयोगिता है. लेकिन हमले की तीव्रता, सूचनाओं की जटिलता और वास्तविक नुकसान पहुंचाने की क्षमता जैसे मामलों में अभी भी लड़ाकू विमान ही भारी पड़ते हैं.

वायुशक्ति का महत्व

सेमिनार में अन्य वक्ताओं ने भी यह दोहराया कि भारत को अपनी वायुशक्ति के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए. स्पीकर्स ने यह भी कहा कि भारत ने अब पाकिस्तान के सामने एक नई रेड लाइन खींच दी है—यानी अब भारत आतंकवाद के खिलाफ सीमापार काइनेटिक (सशस्त्र) जवाब देता रहेगा, चाहे विरोधी देश परमाणु हथियारों की धमकी क्यों न दे.

Read More
Next Story