जस्टिस यशवंत वर्मा ट्रांसफर: इलाहाबाद HC बार एसोसिशएन ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान
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जस्टिस यशवंत वर्मा ट्रांसफर: इलाहाबाद HC बार एसोसिशएन ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान

Justice Yashwant Verma transfer और उनके खिलाफ चल रही जांच के कारण इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन में असंतोष बढ़ गया है.


Allahabad High Court Bar Association strike: सुप्रीम कोर्ट द्वारा जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर को मंजूरी देने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने 25 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. बता दें कि 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश की थी.

इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि वकील मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. क्योंकि जस्टिस यशवंत वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट में किया गया है. इस संदर्भ में लखनऊ बार एसोसिएशन से भी संपर्क किया जा रहा है.

जस्टिस वर्मा पर चल रही जांच

जस्टिस वर्मा पर एक गंभीर आरोप है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में उनके सरकारी आवास से नकदी का भारी ढेर बरामद हुआ था. यह घटना उस समय हुई जब वह घर पर नहीं थे और अब इस मामले में जांच चल रही है. इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी स्थिति को लेकर चिंता जताई थी.

बार एसोसिएशन का विरोध और मांगें

इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस वर्मा के ट्रांसफर के खिलाफ अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वे उनके ट्रांसफर के खिलाफ हैं, चाहे वह इलाहाबाद हाई कोर्ट हो, लखनऊ बेंच हो या देश के किसी अन्य हाई कोर्ट में हो. इसके साथ ही, एसोसिएशन ने जस्टिस वर्मा द्वारा दिए गए सभी फैसलों की समीक्षा की मांग की है, ताकि न्यायिक प्रणाली में जनता का विश्वास बहाल किया जा सके. एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव में कहा कि हम चाहते हैं कि जस्टिस वर्मा के द्वारा दिए गए सभी फैसलों की समीक्षा की जाए, ताकि न्यायिक प्रणाली में लोगों का विश्वास वापस लौटे.

जस्टिस वर्मा का स्पष्टीकरण

जस्टिस वर्मा ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा था कि उन्हें "बदनाम करने की साजिश" के तहत फंसाया जा रहा है. उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को एक पत्र भेजकर स्पष्ट किया कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य ने उस कथित नकदी के बारे में कोई जानकारी दी थी.

नकदी विवाद और महाभियोग की मांग

जस्टिस वर्मा के खिलाफ यह नकदी विवाद तब सामने आया, जब उनके घर के पास जलते हुए ₹500 के नोट मिले थे. इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने इस मामले में महाभियोग की कार्यवाही की मांग भी की है, ताकि न्यायपालिका में पारदर्शिता बनी रहे.

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