एक बात तो साफ है कि अब भारत...अमर्त्य सेन के बयान को समझिए
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एक बात तो साफ है कि अब भारत...अमर्त्य सेन के बयान को समझिए

लोकसभा चुनाव नतीजों पर अमर्त्य सेन ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अब तो यह साफ है कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है.


लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्ष का कहना है कि जनता ने बता दिया कि जो संविधान बदलने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे. हालांकि यह बहस का मुद्दा हो सकता है कि अगर किसी प्री पोल गठबंधन को सरकार बनाने का मौका मिला है तो क्या उसे जनता ने नकार दिया है. या विपक्ष की तरफ से इस तरह के संदेश देन की कोशिश है कि मौजूदा सरकार को भले ही मौका मिला हो. लेकिन देश का पूर्ण भरोसा नहीं है, इन सबके बीच नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा है कि हालिया लोकसभा चुनाव परिणाम इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि भारत एक हिंदू राष्ट्र नहीं है।सेन ने कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक बंगाली समाचार चैनल से कहा कि चुनाव परिणामों से यह बात सामने आई है कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है।

अमर्त्य सेन कहते हैं कि बिना मुकदमे के लोगों को जेल में डालना बंद होना चाहिए' उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी व्यक्त की कि लोगों को “बिना मुकदमे” के सलाखों के पीछे रखना देश में ब्रिटिश शासन के समय से ही जारी है और कांग्रेस शासन की तुलना में भाजपा सरकार में यह अधिक प्रचलन में है।उन्होंने कहा, "हम हर चुनाव के बाद बदलाव की उम्मीद करते हैं। पहले जो कुछ हुआ (भाजपा नीत केंद्र सरकार के दौरान) जैसे लोगों को बिना सुनवाई के सलाखों के पीछे डालना और अमीरों और गरीबों के बीच की खाई को बढ़ाना, वह अभी भी जारी है। इसे रोकना होगा।"सेन ने याद किया कि जब वे बचपन में थे, तब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था और लोगों को बिना किसी सुनवाई के जेल में डाल दिया जाता था।

ब्रिटिश शासन की आती है याद
नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा, "जब मैं छोटा था, मेरे कई चाचाओं और चचेरे भाइयों को बिना किसी मुकदमे के जेल में डाल दिया गया था। हमें उम्मीद थी कि भारत इससे मुक्त हो जाएगा। कांग्रेस भी इस तथ्य के लिए दोषी है कि यह नहीं रुका। उन्होंने इसमें कोई बदलाव नहीं किया। लेकिन वर्तमान सरकार के तहत यह अधिक प्रचलन में है।"

प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा कि राजनीतिक रूप से खुले दिमाग की जरूरत है, खासकर तब जब भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और इसका संविधान भी धर्मनिरपेक्ष है।सेन ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का विचार उचित है।’’नया केंद्रीय मंत्रिमंडल 'पहले वाले की नकल'उनका यह भी मानना था कि नया केंद्रीय मंत्रिमंडल “पहले वाले की नकल” है।उन्होंने कहा, "मंत्रियों के पास अब भी वही विभाग हैं। थोड़े फेरबदल के बावजूद राजनीतिक रूप से शक्तिशाली लोग अभी भी शक्तिशाली हैं।"

भारत की असली पहचान

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बावजूद भाजपा के फैजाबाद लोकसभा सीट हारने पर सेन ने कहा कि देश की असली पहचान को छिपाने का प्रयास किया गया।उन्होंने कहा, "इतना पैसा खर्च करके राम मंदिर का निर्माण करना...भारत को 'हिंदू राष्ट्र' के रूप में चित्रित करना महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के देश में नहीं होना चाहिए था। यह भारत की वास्तविक पहचान को नजरअंदाज करने का प्रयास दिखाता है और इसे बदलना होगा।"सेन ने यह भी कहा कि भारत में बेरोजगारी बढ़ रही है और प्राथमिक शिक्षा तथा प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों की उपेक्षा की जा रही है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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