आंबेडकर टिप्पणी विवाद पर ममता का विपक्ष के सुर में सुर! कहा- बीजेपी का मुखौटा उतर गया
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आंबेडकर टिप्पणी विवाद पर ममता का विपक्ष के सुर में सुर! कहा- बीजेपी का मुखौटा उतर गया

amit shah remarks: बाबा भीमराव आंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच बुधवार को सदन में भारी विरोध हुआ.


Ambedkar comment controversy: संविधान निर्माता बाबा भीमराव आंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच बुधवार को सदन में भारी विरोध हुआ. भारी हंगामे के बीच दोनों सदनों को बुधवार को दिन भर के स्थगित करना पड़ा. इसी बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया है और कहा है कि उन्होंने संविधान निर्माता की विरासत और संसद की गरिमा को कमतर आंका है. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाया कि ये टिप्पणियां भगवा पार्टी की "जातिवादी" और "दलित विरोधी मानसिकता" को दर्शाती हैं. टीएमसी सुप्रीमो (TMC) ने दावा किया कि भाजपा का "मुखौटा उतर गया है" और अगर पार्टी लोकसभा में 400 सीटों की अपनी चुनाव-पूर्व आकांक्षाओं को पूरा कर लेती तो वे डॉ. आंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) के योगदान को पूरी तरह से मिटाने के लिए इतिहास को फिर से लिख देते.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि मुखौटा उतर गया है! जब संसद संविधान के 75 गौरवशाली वर्षों पर विचार कर रही थी, गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इस अवसर को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करके खराब करने का विकल्प चुना, वह भी लोकतंत्र के मंदिर में. यह भाजपा की जातिवादी और दलित विरोधी मानसिकता का प्रदर्शन है. अगर 240 सीटों पर सिमटने के बाद वे इस तरह का व्यवहार करते हैं तो कल्पना करें कि अगर उनका 400 सीटों का सपना पूरा हो जाता तो वे कितना नुकसान पहुंचाते.

सीएम ममता ने एक्स पर अपने पोस्ट में आगे कहा कि वे डॉ. अंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) के योगदान को पूरी तरह मिटाने के लिए इतिहास को फिर से लिख देते. अमित शाह (Amit Shah) की "अपमानजनक" टिप्पणी न केवल आंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) पर बल्कि "संविधान की मसौदा समिति के सभी सदस्यों" पर भी हमला थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बनर्जी के तीखे हमले के बाद राज्यसभा में टीएमसी (TMC) नेता डेरेक ओ ब्रायन ने केंद्रीय गृह मंत्री के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए विशेषाधिकार नोटिस पेश किया.

बता दें कि संविधान पर दो दिवसीय बहस के समापन पर मंगलवार को राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान शाह (Amit Shah) ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि इसने आंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) के नाम का आह्वान एक 'फैशन' में बदल दिया है. उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने आंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) की तरह भगवान का नाम लिया होता तो उन्हें सात जन्मों के लिए स्वर्ग मिल जाता. जवाब में, विपक्षी सांसदों ने शाह (Amit Shah) पर आंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) का अनादर करने का आरोप लगाया, जिसके कारण संसद के भीतर विरोध प्रदर्शन हुए और सांसदों ने संविधान के निर्माता की तस्वीरें दिखायीं. इसके बाद कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया था.

वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शाह का बचाव करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने लंबे समय से आंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) को कमतर आंका है और उनके प्रति उनके सच्चे सम्मान पर सवाल उठाया है. आंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) के बाद केंद्रीय कानून मंत्री के रूप में सेवा करने वाले पहले बौद्ध रिजिजू ने इस पद के महत्व पर जोर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शाह का समर्थन किया और कांग्रेस पर आंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) का अपमान करने और सत्ता में रहने के दौरान एससी/एसटी समुदायों को सशक्त बनाने में विफल रहने का लंबा इतिहास रखने का आरोप लगाया. शाह द्वारा की गई टिप्पणियों पर विपक्ष के विरोध के बीच संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा को बुधवार को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया.

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