जम्मू-कश्मीर में आतंकी और पत्थरबाजों के परिवार वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी: अमित शाह
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जम्मू-कश्मीर में आतंकी और पत्थरबाजों के परिवार वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी: अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने न केवल आतंकवादियों को निशाना बनाया है, बल्कि आतंकवादी तंत्र को भी समाप्त कर दिया है, जिस वजह से आतंकवादी घटनाओं में भारी गिरावट आई है.


Jammu and Kashmir: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार (27 मई) को दावा किया है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने न केवल आतंकवादियों को निशाना बनाया है, बल्कि देश में आतंकी तंत्र को भी खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा कि किसी भी आतंकवादी के परिवार के सदस्य या पत्थरबाजों के करीबी रिश्तेदारों को जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. कड़ा संदेश देते हुए शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने न केवल आतंकवादियों को निशाना बनाया है, बल्कि आतंकवादी तंत्र को भी समाप्त कर दिया है, जिस वजह से देश में आतंकवादी घटनाओं में भारी गिरावट आई है.

केंद्र सरकार की हुई जीत

उन्होंने कहा कि कश्मीर में हमने फैसला किया है कि अगर कोई आतंकवादी संगठन में शामिल होता है तो उसके परिवार के सदस्यों को कोई सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. शाह ने कहा कि इसी तरह अगर कोई पत्थरबाजी में शामिल होता है तो उसके परिवार के सदस्यों को भी सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ता इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन अंत में सरकार की जीत हुई.

राहत

हालांकि, गृह मंत्री ने कहा कि सरकार उस स्थिति में यह अपवाद रहेगा कि जब किसी परिवार का कोई सदस्य आगे आकर अधिकारियों को सूचित करता है कि उसका कोई करीबी रिश्तेदार किसी आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया है तो ऐसे परिवारों को राहत दी जाएगी.

आत्मसमर्पण का मौका

शाह ने कहा कि पहले कश्मीर में आतंकवादी के मारे जाने पर जनाजे निकाले जाते थे. हमने इस प्रवृत्ति को रोक दिया है. हमने यह सुनिश्चित किया है कि आतंकवादी को सभी धार्मिक औपचारिकताओं के साथ एकांत स्थान पर दफनाया जाए. जब कोई आतंकवादी सुरक्षा बलों द्वारा घेर लिया जाता है तो उसे सबसे पहले आत्मसमर्पण करने का मौका दिया जाता है. हम उसकी मां या पत्नी जैसे परिवार के सदस्यों को बुलाते हैं और उनसे आतंकवादी से आत्मसमर्पण करने की अपील करने के लिए कहते हैं. फिर भी अगर वह आतंकवादी नहीं सुनता है तो वह मारा जाता है.

आतंकवादी घटनाओं में कमी

गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में काफी कमी आई है. क्योंकि सरकार ने न केवल आतंकवादियों को निशाना बनाया है, बल्कि आतंकवादी तंत्र को भी समाप्त कर दिया है. एनआईए के माध्यम से हमने आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और इसे समाप्त किया है. हमने आतंकी वित्तपोषण पर बहुत कड़ा रुख अपनाया है.

पीएफआई पर प्रतिबंध

प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मामले में शाह ने कहा कि सरकार ने उसके द्वारा आतंकवादी विचारधारा के प्रकाशन और प्रसार पर प्रतिबंध लगा दिया है. केरल में स्थापित मुस्लिम कट्टरपंथी समूह पीएफआई को आतंकवादी गतिविधियों के साथ कथित संबंधों के कारण सितंबर 2022 में केंद्र सरकार द्वारा यूएपीए के प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था.

अमृतपाल को जेल

उन्होंने कहा कि कथित खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी अमृतपाल सिंह के मामले में हमने उसे एनएसए के तहत जेल में डाल दिया है. कट्टरपंथी सिख अलगाववादी समूह 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख सिंह को अप्रैल 2023 में पंजाब में कड़े एनएसए के तहत गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें असम स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां वह डिब्रूगढ़ जेल में बंद है.

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