बैर बीजेपी से सवाल आरएसएस से, अब जनता की अदालत केजरीवाल
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बैर बीजेपी से सवाल आरएसएस से, अब जनता की अदालत केजरीवाल

राजनीति में कोई भी शख्स किसी से सवाल कर सकता है। शायद इसे अमल में लाते हुए आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी के बारे में आरएएस प्रमुख से पांच सवाल किए।


Arvind Kejriwal News: 21 सितंबर से पहले तक अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक हुआ करते थे। लेकिन अब वो सिर्फ पार्टी के संयोजक हैं। दिल्ली कथित एक्साइज स्कैम में सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत पर जेल से बाहर है। करप्शन का दाग लगा है हालांकि बड़े जोर शोर से वो दूसरे की दाग जिक्र करते हैं। रविवार को वो दिल्ली के जंतर मंतर पर जनता की अदालत में गए। जनता से कहा है कि उनके कट्टर ईमानदार होने का प्रमाण पत्र तो आप लोगों को ही देना है। यानी कि खुद के सीएम बनने का रास्ता खोल रखा है। लेकिन बात यहां हम कुछ करेंगे। बात आरएसएस और बीजेपी के रिश्ते की होगी क्योंकि केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरएसएस मुखिया मोहन भागवत से एक नहीं बल्कि पांच सवाल पूछ डाले।

भागवत से केजरीवाल के पांच सवाल

  • जिस तरह से मोदी जी देश भर में लालच देकर या ईडी सीबीआई की धमकी देकर डरा कर दूसरी पार्टियों के नेताओं को तोड़ रहे हैं, पार्टियां तोड़ रहे हैं सरकारें गिरा रहे हैं, क्या ये देश के लिए सही है? क्या आप नहीं मानते कि ये भारतीय जनतंत्र के लिए हानिकारक है।
  • देशभर में सबसे भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी जी ने अपनी पार्टी में शामिल करवा लिया। जिन नेताओं को कुछ दिन पहले मोदी जी ने अमित शाह ने खुद सबसे भ्रष्टाचारी बोला, कुछ दिन बाद उनको बीजेपी में शामिल कर लिया। क्या इस प्रकार की राजनीति से आप सहमत हो? क्या आपने कभी ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी?
  • बीजेपी आरएसएस की कोख से पैदा हुई। कहा जाता है कि ये देखना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि बीजेपी पथ भ्रष्ट ना हो। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या आप आज की बीजेपी के इन कदमों से सहमत हैं, क्या आपने कभी मोदी जी को ये सब करने से रोका
  • जेपी नड्डा जी ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। आरएसएस बीजेपी की मां समान है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंखें दिखाने लग गया? जिस बेटे को पाल पोसकर के बड़ा किया, जिस बेटे को प्रधानंमत्री बनाया, आज वो बेटा पलट कर मां को मातृ तुल्य संस्था को आंखें दिखा रहा है। मैं मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं कि जब नड्डा जी ने ये कहा तो आपके दिल पर क्या गुजरी, क्या आपको दुख नहीं हुआ, मैं आरएसएस के हर कार्यकर्ता से पूछना चाहता हूं, कि क्या आपको दुख नहीं हुआ?
  • मोहन भागवत जी से कहना चाहता हूं कि आप ही लोगों ने मिलकर कानून बनाया था कि 75 साल से ऊपर के नेता रिटायर होंगे। आडवाणी, मुरली मनोहर खंडूरी, कलराज मिश्रा शांता कुमार को इसी कानून के तहत रिटायर कर दिया। अब अमित शाह कह रहे हैं कि ये नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा, क्या आप इससे सहमत हो, कि जो नियम आडवाणी जी पर लागू हुआ, वो मोदी जी पर लागू नहीं होना चाहिए।

केजरीवाल की जनता अदालत

अरविंद केजरीवाल ने जंतर मंतर पर जनता की अदालत में पहुंचे। आपको याद होगा कि लोकपाल और भ्रष्टाचार के खिलाफ जन अभियान का आगाज उन्होंने जंतर मंतर से ही शुरू की थी। उन्होंने जनता में अलग तरह की उम्मीद जताई कि करप्शन के खिलाफ लड़ाई सिर्फ और सिर्फ वो लड़ सकते हैं। हालांकि शुरुआती दिनों में पार्टी बनाने की बात नहीं करते थे। लेकिन बदलते समय के साथ उनका मिजाज बदला और आम आदमी पार्टी के नाम से नए अवतार में नजर आए। लेकिन लोगों के भरोसे पर हल्की सी चोट लगी जब वो कांग्रेस के साथ सरकार बना लिये। यही नहीं महज १० साल की अवधि में करप्शन के मामले में ही उनके कई मंत्रियों को नाम सिर्फ इस्तीफा देना पड़ा बल्कि खुद तिहाड़ी रिटर्न हो गए। तिहाड़ी रिटर्न की उपाधि बीजेपी के लोग देते हैं।

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