
RSS की तारीफ कर कांग्रेस में ही घिर गए दिग्विजय सिंह, पार्टी ने गांधी-गोडसे का फर्क याद दिलाया
संगठन के मामले में आरएसएस की प्रशंसा करना वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को भारी पड़ता दिख रहा है। कांग्रेस नेताओं ने उनके बयान को लेकर अलग-अलग अंदाज में हमला बोला है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा RSS और भाजपा की संगठनात्मक क्षमता की प्रशंसा किए जाने से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। सत्तारूढ़ पार्टी ने इस बयान को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा, वहीं कांग्रेस ने आरएसएस पर गोडसे से जुड़ा होने का आरोप लगाया। दिग्विजय सिंह की टिप्पणी के बाद कांग्रेस के भीतर आंतरिक मतभेदों को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं।
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने 27 दिसंबर को प्रश्न–उत्तर आधारित सोशल प्लेटफॉर्म ‘Quora’ से 1990 के दशक की एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर साझा की। इस तस्वीर में गुजरात में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान युवा नरेंद्र मोदी, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के पास जमीन पर बैठे दिखाई दे रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने एक्स पर लिखा,“मुझे यह तस्वीर Quora साइट पर मिली। यह बहुत प्रभावशाली है। RSS का जमीनी स्तर का स्वयंसेवक और जनसंघ का कार्यकर्ता @BJP4India किस तरह नेताओं के चरणों में जमीन पर बैठता हुआ राज्य का मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री बन गया? यह संगठन की ताकत है। जय सिया राम।”
उन्होंने इस सोशल मीडिया पोस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, जयराम रमेश, प्रियंका गांधी सहित अन्य नेताओं को भी टैग किया।
इसके तुरंत बाद भाजपा ने दिग्विजय सिंह की टिप्पणी पर पलटवार किया और कांग्रेस को तानाशाही तरीके से चलाने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा। भाजपा नेता सी. आर. केशवन ने कहा कि इस पोस्ट ने “पूरी तरह से उजागर कर दिया है कि कांग्रेस का पहला परिवार किस तरह निर्दयता से पार्टी को तानाशाही ढंग से चलाता है और कांग्रेस नेतृत्व कितना अलोकतांत्रिक है।”
कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस के कई नेताओं ने दिग्विजय सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि RSS से सीखने के लिए कुछ भी नहीं है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ANI समाचार एजेंसी से कहा,“RSS से सीखने के लिए कुछ भी नहीं है। गोडसे के लिए जानी जाने वाली संस्था, गांधी द्वारा स्थापित संगठन को क्या सिखा सकती है?”
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “भाजपा बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश करती है। हमें RSS जैसी संस्था से कुछ भी सीखने की जरूरत नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा,“हम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हैं। हमने ब्रिटिश शासन, उसके अन्याय और शोषण के खिलाफ आज़ादी की लड़ाई लड़ी और उसे जन आंदोलन बनाया। हमें किसी से कुछ सीखने की जरूरत नहीं है, बल्कि लोगों को हमसे सीखना चाहिए।”
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, “हमें उनसे कुछ भी सीखने की जरूरत नहीं है। हम उनकी (RSS की) विचारधारा का विरोध करते हैं।”
इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने संगठन को मजबूत और अनुशासित बनाने की बात कही। उन्होंने कहा, “मैं भी चाहता हूं कि हमारा संगठन मजबूत हो। हमारे संगठन में अनुशासन होना चाहिए। दिग्विजय सिंह अपने लिए बोल सकते हैं…”
विवाद पर दिग्विजय सिंह की सफाई
भाजपा की तीखी प्रतिक्रियाओं के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनकी पोस्ट को गलत समझा गया है और उन्होंने स्पष्ट किया कि वह भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर विरोधी हैं।
उन्होंने ANI से कहा,“मैं शुरू से यह कहता आया हूं कि मैं RSS की विचारधारा का विरोधी हूं। वे न तो संविधान का सम्मान करते हैं और न ही देश के कानूनों का, और यह एक अपंजीकृत संगठन है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह RSS की संगठनात्मक क्षमता की “प्रशंसा” करते हैं, “क्योंकि एक ऐसा संगठन जो पंजीकृत भी नहीं है, इतना शक्तिशाली हो गया है कि प्रधानमंत्री लाल किले से कहता है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा NGO है।”
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है और हर संगठन में सुधार की संभावना होनी चाहिए।
उन्होंने कहा,“कांग्रेस पार्टी मूल रूप से एक आंदोलन की पार्टी है। मैंने यह कई बार कहा है कि कांग्रेस पार्टी आंदोलन की पार्टी है और उसे वही रहना चाहिए। लेकिन उस आंदोलन को वोटों में बदलने में हम कमजोर पड़ जाते हैं, यहीं हमारी कमी है।”

