
मोदी जी इन लोगों को रोकिए... ओवैसी ने निशिकांत दुबे पर किया तीखा हमला
वक्फ पर चीफ जस्टिस की टिप्पणी गृह युद्ध भड़काने की तरह है। बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे के बयान से पार्टी ने दूरी बना ली है। लेकिन AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तीखा हमला किया है।
Asaduddin Owaisi News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे के हालिया बयान ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश को लेकर दिए गए उनके विवादित बयान के बाद, विपक्षी दलों ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है और इस मुद्दे पर सियासत गर्मा गई है। वक्फ के मुद्दे पर एआईएमाआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी तल्ख अंदाज में टिप्पणी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित करते हुए उन्होंने चेतावनी दी,"मोदी जी, अगर आपने इन लोगों को नहीं रोका, तो देश कमजोर हो जाएगा। देश आपको माफ नहीं करेगा और आने वाले समय में आप सत्ता में नहीं रहेंगे।"
ओवैसी का तीखा प्रहार
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे तौर पर घेरा। ओवैसी ने कहा कि भाजपा समर्थकों में अब इतनी कट्टरता आ गई है कि वे खुलेआम न्यायपालिका को धार्मिक युद्ध की धमकी देने लगे हैं। उन्होंने भाजपा नेताओं को 'ट्यूबलाइट' करार देते हुए तंज कसा और पूछा, "क्या आपको अनुच्छेद 142 का मतलब पता है?"
ओवैसी ने आगे कहा,“अनुच्छेद 142 बीआर अंबेडकर द्वारा तैयार किया गया था और यह सुप्रीम कोर्ट को पूर्ण न्याय देने का अधिकार देता है। लेकिन भाजपा इसके प्रावधानों की अनदेखी कर रही है और धोखाधड़ी के साथ न्यायपालिका को धमका रही है।”
विपक्ष ने साधा निशाना
निशिकांत दुबे के बयान के बाद कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी पार्टियों ने कड़ा रुख अपनाया है। कांग्रेस नेता बीवी श्रीनिवास ने ट्वीट करते हुए कहा,“निशिकांत दुबे जैसे उपद्रवी सांसद अपने आकाओं के आदेश के बिना सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोल सकते। नड्डा जी, कब तक ‘राम’ बोलकर ‘छुरा’ घोंपते रहेंगे?”
भाजपा ने बनायी दूरी, नड्डा का बयान
निशिकांत दुबे के बयान पर भारी आलोचना के बाद भाजपा ने खुद को इस विवाद से अलग कर लिया है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर कहा कि,“पार्टी का इस बयान से कोई संबंध नहीं है और सांसदों को इस तरह के बयान देने से रोका गया है।”
आखिर क्या कहा था निशिकांत दुबे ने?
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश पर गृह युद्ध को भड़काने का आरोप लगाया था। उन्होंने कोर्ट की शक्तियों पर सवाल उठाते हुए कहा था:“अगर सुप्रीम कोर्ट को ही कानून बनाना है तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। कोर्ट कहता है – तुम चेहरा दिखाओ, मैं तुम्हें कानून दिखाऊंगा। यह न्यायपालिका अपनी सीमाओं को लांघ रही है।”उनके इस बयान के बाद ना सिर्फ विपक्ष बल्कि कानूनी विशेषज्ञों और नागरिक समाज ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी।
निशिकांत दुबे का यह बयान सिर्फ एक राजनैतिक बहस नहीं, बल्कि लोकतंत्र के स्तंभों के बीच सीमाओं की बहस बन गया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस पूरे प्रकरण को कैसे संभालती है, और क्या विपक्ष इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाता है।