ठगी करने पर 420 नहीं कहलाएंगे मिस्टर 316, किस अपराध के लिए है कौन सी धारा
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ठगी करने पर 420 नहीं कहलाएंगे मिस्टर 316, किस अपराध के लिए है कौन सी धारा

तीन नए आपराधिक कानून में अब केस दर्ज किए जा रहे हैं. हालांकि इसे विपक्ष काला कानून और बुलडोजर कल्चर को बढ़ावा देने वाला बता रहा है.


New Criminal Rules News: पहले कोई ठगी करता था तो लोग कहते थे कि एकदम ही 420 हो क्या.दरअसल पुराने आईपीसी में सेक्शन 420 में ही ठगी के मामले दर्ज किए जाते थे. लेकिन 1 जूलाई से अब पुराने क्रिमिनल कानून में बदलाव हो चुका है. आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट अमल में आ चुके हैं. इन्हें नया नाम भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम नाम मिला है. इसके तहत अब पुरानी धाराओं में बदलाव है. जैसे ठगी के लिए सेक्शन 420 की जगह सेक्शन 316 में केस दर्ज किए जाएंगे.

भारतीय न्याय संहिता(BNS)
बीएनएस में अब कुल 358 धाराएं हैं जो पहले 511 थीं, इसमें 20 नए क्राइम को शामिल किया गया है. अपराध के 33 मामलों में सजा बढ़ाई गई है. 23 अपराधों में न्यूनतम, 83 अपराधों में जुर्माने की राशि में इजाफा किया गया है. 6 अपराधों में सजा के तौर पर सामुदायिक सेवा का प्रावधान है.वहीं 19 धाराओं को निरस्त या हटा दिया गया है.

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(BNSS)
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में अब कुल 531 धाराएं होंगी जबकि सीआरपीसी में 484 थीं. इसमें 177 प्रावधान में बदलाव है. 35 सेक्शन में समय सीमा को जोड़ा गया है जबकि 35 सेक्शन में ऑडियो वीडियो भी सबूत के तौर पर पेश किए जा सकेंगे. कुल 14 धाराओं को निरस्त या हटाया गया है.

भारतीय साक्ष्य अधिनियम
भारतीय साक्ष्य अधिनियन में कुल 170 धाराएं हैं, 24 प्रावधानों में बदलाव के साथ साथ दो नई धाराएं और 6 उपधाराएं जोड़ी गई हैं. 6 प्रावधान को निरस्त या हटा दिया गया है.

अपराधपहले यानी आईपीसीअब यानी बीएनएस
हत्या302103
हत्या की कोशिश307109
गैर इरादतन हत्या304105
लापरवाही से मौत304 ए106
रेप और गैंगरेप375, 37663, 64, 70
देश के खिलाफ युद्ध121, 121 ए147, 148
मानहानि499, 500356
छेड़छाड़35474
दहेज हत्या304 बी80

बीएनएस में मॉब लिंचिंग का जिक्र
पुराने कानून में हत्या के लिए सेक्शन 302 लगाया जाता था. लेकिन अब नए कानून में छीना झपटी के केस दर्ज होंगे. पहले गैर कानूनी तौर से इकट्ठा होने पर धारा 144 लगाई जाती थी. लेकिन अब धारा 187 को अमल में लाया जाएगा.
आईपीसी में पहले मॉब लिंचिंग के लिए प्रावधान नहीं था. लेकिब अब नई व्यवस्था में उम्रकैद से लेकर मौत की सजा है.इसे बीएनएस के सेक्शन 103(2) में रखा गया है.

नए कानून में अब राजद्रोह की जगह देशद्रोह

बीएनएस में राजद्रोह का जिक्र नहीं है. नए कानून में राजद्रोह को अब देशद्रोह के नाम से जाना जाएगा. आईपीसी में 124 ए के तहत केस दर्ज किया जाता था. लेकिन अब देशद्रोह की व्याख्या 147 से लेकर 158 तक की धाराओं से की जाएगी.अगर कोई देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए दोषी पाया गया तो उसे फांसी और उम्रकैद होगी. 148 में साजिश करना, धारा 149 में देश के खिलाफ युद्ध की तैयारी की व्यवस्था है. 152 में कहा गया है कि अगर कोई जानबूझकर या बोलकर या संकेतों के जरिए या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रदर्शन करता हो और उसकी वजह से देश के लिए खतरा या अलगाववाद को बढ़ावा देगा तो उसे दोषी पाए जाने पर अधिकतम उम्रकैद और न्यूनतम सात साल की सजा हो सकती है.

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