भर्तृहरि महताब बने प्रोटेम स्पीकर, इंडी ब्लॉक को था ऐतराज
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भर्तृहरि महताब बने प्रोटेम स्पीकर, इंडी ब्लॉक को था ऐतराज

18वीं लोकसभा के लिए राष्ट्रपति ने भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर के लिए शपथ दिलाई, हालांकि इस नाम को लेकर कांग्रेस को ऐतराज था.


Bhartruhari Mahtab,protem Speaker: 18वीं लोकसभा के निर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाने से पहले राष्ट्रपति ने बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई. महताब के नाम पर इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने आपत्ति जताते हुए कहा कि परंपरा की अनदेखी की गई है. कांग्रेस ने के सुरेश के नाम का हवाला दिया और कहा कि सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं लिहाजा इन्हें मौका देना चाहिए था. हालांकि जब एनडीए के नेता टस से मस नहीं हुए तो कांग्रेस ने दलित कार्ड भी खेल दिया. यहां हम बताएंगे कि कांग्रेस के विरोध के पीछे कोई वजह है या एनडीए ने जो फैसला किया वो परंपरा का सम्मान करते हुए विधिसम्मत था.

कौन हैं भर्तृहरि महताब

कटक से सात बार लोकसभा सदस्य रहे महताब को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 20 जून को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया था. उनके साथ, सुरेश कोडिकुन्निल, थलिक्कोट्टई राजुतेवर बालू, राधा मोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंद्योपाध्याय को नव निर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण में प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए नियुक्त किया गया था.

कांग्रेस पार्टी क्यों कर रही विरोध
कांग्रेस के मुताबिक र, भाजपा द्वारा महताब की नियुक्ति वरिष्ठ सदस्य की नियुक्ति की पारंपरिक प्रथा से अलग है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में यह एक "स्थापित परंपरा" है कि सबसे वरिष्ठ सांसद ही प्रोटेम स्पीकर बनता है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि दलित वंश के होने के कारण के सुरेश को इस पद के लिए नजरअंदाज किया गया। एआईसीसी के संचार प्रभारी महासचिव ने कहा कि अगर यह तर्क अपनाया जाता है, तो भाजपा सांसद रमेश चंदप्पा जिगाजिनागी, जो लगातार सातवीं बार सांसद हैं उनके नाम पर विचार क्यों नहीं किया गया? क्या इसलिए कि वह सुरेश की तरह दलित हैं. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने सत्तारूढ़ भाजपा से स्पष्टीकरण मांगा कि उसने वरिष्ठ दलित नेता की अनदेखी क्यों की, वहीं पार्टी सांसद प्रमोद तिवारी ने भगवा पार्टी पर निशाना साधते हुए तर्क दिया कि यह पूरे सदन और लोकतंत्र का अपमानहै. विवाद के बीच इंडिया ब्लॉक ने अध्यक्षों के पैनल से अपने सदस्यों को वापस लेने का फैसला किया जो अध्यक्ष के चुनाव तक लोकसभा की कार्यवाही के संचालन में महताब की सहायता करेंगे.

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