बिहार SIR: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगी 3.66 लाख वोटरों की डीटेल, जिनके नाम हटाए, उनका विवरण दो
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बेंच ने कहा कि चूंकि अंतिम मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या से यह प्रतीत होता है कि ड्राफ्ट रोल की तुलना में संख्या में बढ़ोतरी हुई है, इसलिए किसी भी भ्रम से बचने के लिए जो अतिरिक्त नाम जोड़े गए हैं उनकी पहचान को स्पष्ट किया जाना चाहिए।

बिहार SIR: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगी 3.66 लाख वोटरों की डीटेल, जिनके नाम हटाए, उनका विवरण दो

सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे गलत तरीके से हटाए गए मतदाताओं को दर्शाने वाले हलफनामे दाखिल करें, साथ ही अंतिम मतदाता सूची से जुड़ी अन्य चिंताओं को सूचीबद्ध करें।


सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (7 अक्टूबर) को चुनाव आयोग (EC) से कहा कि वह बिहार के विशेष गहन संशोधन (SIR) अभ्यास के बाद तैयार अंतिम मतदाता सूची से 3.66 लाख बहिष्कृत मतदाताओं का विवरण उपलब्ध कराए। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अधिकांश जोड़े गए नाम नए मतदाताओं के हैं और अब तक किसी भी बहिष्कृत मतदाता ने कोई शिकायत या अपील नहीं की है।

अगली सुनवाई: 9 अक्टूबर

न्यायाधीश सूर्यकांत और जोयमल्या बागची की बेंच ने कहा कि चुनाव आयोग जो भी जानकारी बहिष्कृत मतदाताओं के बारे में प्राप्त करता है, वह 9 अक्टूबर तक प्रस्तुत करेगा, जब SIR अभ्यास को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगे सुनवाई होगी।

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि हर किसी के पास ड्राफ्ट मतदाता सूची है और अंतिम सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जा चुकी है, इसलिए आवश्यक डेटा तुलना के माध्यम से उपलब्ध कराया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे गलत तरीके से हटाए गए मतदाताओं को दर्शाने वाले हलफनामे दाखिल करें, साथ ही 30 सितंबर को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची से जुड़ी अन्य चिंताओं को सूचीबद्ध करें।

न्यायाधीश बागची ने वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी, जो चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, से कहा कि अदालत के आदेशों ने चुनाव प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और पहुँच सुनिश्चित की है।

बेंच ने कहा कि चूंकि अंतिम सूची में मतदाताओं की संख्या से यह प्रतीत होता है कि ड्राफ्ट रोल की तुलना में संख्या में बढ़ोतरी हुई है, इसलिए किसी भी भ्रम से बचने के लिए जो अतिरिक्त नाम जोड़े गए हैं उनकी पहचान स्पष्ट होनी चाहिए।

न्यायाधीश बागची ने कहा, “आप हमसे सहमत होंगे कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और पहुँच की डिग्री बढ़ी है। डेटा से प्रतीत होता है कि आपने जो ड्राफ्ट सूची प्रकाशित की थी उसमें 65 लाख नाम हटाए गए थे, और हमने कहा कि जो मर चुके हैं या स्थानांतरित हो गए हैं वह ठीक है, लेकिन यदि आप किसी को हटा रहे हैं, तो कृपया नियम 21 और SOP का पालन करें। हमने यह भी कहा कि जो भी हटाए गए हैं, उनके डेटा को अपने निर्वाचन कार्यालयों में रखें। अब अंतिम सूची संख्या में वृद्धि प्रतीत होती है और सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भ्रम है — जोड़े गए नाम किसके हैं, क्या ये हटाए गए नाम हैं या नए नाम हैं।”

सिंघवी ने EC से सवाल किया

द्विवेदी ने जवाब दिया कि अधिकांश जोड़े गए नाम नए मतदाताओं के हैं और कुछ पुराने मतदाता थे, जिनके नाम ड्राफ्ट रोल प्रकाशित होने के बाद जोड़े गए। उन्होंने कहा, “अब तक किसी भी बहिष्कृत मतदाता ने कोई शिकायत या अपील नहीं की है।”

अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अदालत से अनुरोध किया कि मतों के कार्यक्रम की घोषणा और अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन इस चल रही मामले में एक 'फै़ट आकॉम्प्ली' (fait accompli) न बन जाए। न्यायाधीश कांत ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि सुनवाई में कोई पीड़ित पक्ष (गलत हटाया गया मतदाता) क्यों अदालत में उपस्थित नहीं था या हलफनामा क्यों नहीं दाखिल किया, भूषण ने कहा कि वह अगली सुनवाई में 100 ऐसे लोग अदालत में पेश कर सकते हैं।

भूषण ने बेंच से पूछा कि अगली सुनवाई में प्रत्येक याचिकाकर्ता के साथ कितने लोग (गलत हटाए गए मतदाता) अदालत में आ सकते हैं, क्योंकि बड़े पैमाने पर नाम हटाए गए हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंहवी ने भी कहा कि चुनाव आयोग ने मतदाताओं को हटाने/जोड़ने में अपने ही नियमों का पालन नहीं किया। सिंहवी ने आरोप लगाया कि अधिकांश हटाए गए मतदाताओं को यह जानकारी नहीं दी गई कि उनके नाम क्यों हटाए गए। चुनाव आयोग के वकील ने जवाब दिया कि प्रत्येक हटाए गए मतदाता को इसके कारणों की जानकारी दी गई है।

याचिकाकर्ताओं ने जोर दिया कि यह स्पष्ट नहीं है कि ड्राफ्ट रोल से कितने हटाए गए मतदाता अंतिम सूची में शामिल किए गए, चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि अंतिम सूची में अधिकांश नए मतदाता हैं।

बिहार में 2 चरणों में मतदान

30 सितंबर को चुनाव आयोग ने मतदान के लिए तैयार बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करते हुए कहा कि विशेष गहन संशोधन (SIR) के बाद मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 47 लाख घटकर 7.42 करोड़ हो गई है, जबकि ड्राफ्ट सूची में 7.24 करोड़ मतदाता नामित थे। ड्राफ्ट सूची में 65 लाख मतदाता हटाए गए थे।

ड्राफ्ट सूची में 21.53 लाख नए मतदाता जोड़े गए और 3.66 लाख नाम हटाए गए, जिससे शुद्ध वृद्धि 17.87 लाख हुई।

6 अक्टूबर को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि 243 सदस्यीय विधानसभा की 121 सीटों पर 6 नवंबर को और शेष 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी।

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