जमीन मिली; बना लिया ऑफिस, फिर भी लूटियंस जोन से मोह नहीं हो रहा भंग, रिपोर्ट में खुलासा
Lutyens Zone: नीति में स्पष्ट किया गया है कि कार्यालय के लिए भूमि मिलने या निर्माण पूरा होने के तीन साल बाद राजनीतिक दलों को बंगले खाली करने होंगे.
Lutyens Zone government bungalows: देश के दो प्रमुख राजनीतिक दलों का लुटियंस (Lutyens Zone) दिल्ली में सरकारी बंगले पर कब्जा बना हुआ है. जबकि, इन्होंने या तो अपने मुख्यालय बना लिए हैं या फिर जमीन आवंटित हो चुकी है. इसके बावजूद सालों से वह लूटिंयस जोन (Lutyens Zone) स्थित बंगलों का पार्टी ऑफिस के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि, सरकारी बंगलों के नियम के अनुसार, पार्टी दफ्तर के लिए जमीन हासिल करने या निर्माण पूरा होने के तीन साल बाद पॉलिटिकल पार्टियों को सरकारी बंगला खाली कर देना चाहिए. लेकिन ये राजनीतिक दल नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं.
लूटियंस जोन (Lutyens Zone) में बनाए गए सरकारी बंगलों के नीति में स्पष्ट किया गया है कि कार्यालय के लिए भूमि मिलने या निर्माण पूरा होने के तीन साल बाद राजनीतिक दलों को बंगले खाली करने होंगे. लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने ही अभी तक इन पर कब्जा जमाए रखा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2018 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत संपदा निदेशालय ने कांग्रेस को चार सरकारी आवास खाली करने के लिए नोटिस भेजा था. पार्टी ने अब तक दो ऐसे आवास खाली कर दिए हैं. यह नियम सभी राजनीतिक दलों पर लागू होता है. अभी अशोक रोड और पंडित पंत मार्ग पर दो सरकारी बंगले भाजपा के कब्जे में हैं. जबकि अकबर रोड और रायसीना रोड पर कांग्रेस के कब्जे में दो बंगले हैं. इस बात का कोई संकेत नहीं है कि ये दल कब बंगले खाली करेंगे. वर्तमान में करीब आधा दर्जन बंगलों पर राजनीतिक दलों का कब्जा है.
राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को भूमि आवंटन की नीति 2012 के अनुसार, जो दल अपने कार्यालय के लिए विट्ठलभाई पटेल हाउस में बंगले या सुइट पर कब्जा करते हैं, उन्हें आवंटित भूखंड पर कार्यालय भवन के निर्माण के तुरंत बाद या खाली भूखंड पर कब्जा लेने के तीन साल के भीतर उन्हें खाली कर देना चाहिए।.
आवास मंत्रालय के तहत भूमि और विकास कार्यालय (एल एंड डीओ) ने भाजपा को दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर दो भूखंड आवंटित किए थे और पार्टी ने फरवरी 2018 में अपने कार्यालय का उद्घाटन किया था. उसके लगभग पांच साल बाद भी भाजपा 11 अशोक रोड और 14 पंडित पंत मार्ग पर बंगलों पर कब्जा करना जारी रखे हुए है. कांग्रेस के मामले में सरकार ने 2010 में डीडीयू मार्ग से सटे कोटला रोड पर जमीन आवंटित की थी. लेकिन इसने कई एक्सटेंशन मिलने के बाद हाल ही में अपने कार्यालय का निर्माण पूरा किया है.