बजट सत्र से पहले राज्यसभा में बीजेपी के सामने खड़ा हुआ ये संकट
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बजट सत्र से पहले राज्यसभा में बीजेपी के सामने खड़ा हुआ ये संकट

संसद के राज्य सभा में बीजेपी के सांसदों की संख्या घट कर महज 86 रह गयी है, ऐसे में अब सवाल ये उठ रहे हैं कि बजट सत्र के दौरान जब सरकार कोई अहम बिल पेश करेगी तो विपक्ष द्वारा अड़ंगा लागाये जाने पर उस बिल को पास कराने की क्या रणनीति रहेगी.


Rajya Sabha Seat Politics: संसद में बजट सत्र की शुरुआत से ठीक पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. संसद के राज्य सभा में बीजेपी के सांसदों की संख्या घट कर महज 86 रह गयी है, ऐसे में अब सवाल ये उठ रहे हैं कि बजट सत्र के दौरान जब सरकार कोई अहम बिल पेश करेगी तो विपक्ष द्वारा अड़ंगा लागाये जाने पर उस बिल को पास कराने की क्या रणनीति रहेगी. असल में बीजेपी के 4 सांसद राज्यसभा से retire हुए हैं, जिसकी वजह से उसके सांसदों की संख्या में कमी आई है.

कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के पद के जुगत में लगी

राज्यसभा में बीजेपी का संख्या बल घट कर 86 रह गया है, इसके साथ ही एनडीए का संख्या बल ऊपरी सदन में 101 रह गया है. शनिवार को बीजेपी द्वारा मनोनीत किये गए 4 सांसद रिटायर हो गए, जिसकी वजह से संख्या बल पर असर पड़ा. ऐसे में कांग्रेस को इस स्थिति का अच्छी तरह से अंदाजा है और वो राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने की जुगत में लग चुकी है. वहीँ बीजेपी को भी अपनी इस परिस्थिति का पता है, इसलिए बीजेपी भी ऊपरी सदन में कम हुई संख्या से पार पाने के लिए एक नयी रणनीति पर काम कर रही है.

अभी क्या है राज्‍यसभा की स्थिति

राज्यसभा की बात करें तो 13 जुलाई को सोनल मानसिंह, राकेश सिन्हा, राम सकल और महेश जेठमलानी राज्यसभा से रिटायर हो गये हैं. ये सभी मनोनीत सदस्य बीजेपी पक्ष में थे. यही वजह है कि बीजेपी को भी चिंता सता रही है. अभी राज्यसभा में 226 सांसद हैं, जबकि 19 सांसदों के पद खाली है. अगर बीजेपी के समर्थन की बात करें तो 7 गुटनिरपेक्ष मनोनीत सांसद, 2 निर्दलीय और एआईएडीएमके और वाइएसआरसीपी के सांसदों का समर्थन बीजेपी के साथ है. लेकिन एनडीए खासतौर से बीजेपी के सामने बिलों को पास कराने में कुछ दिक्कतों का सामना कर पड़ सकता है.

BJP की ये है रणनीति?

बीजेपी को राज्यसभा में अपनी स्थिति बखूबी पता है, यही वजह है कि उसने इस पर काम करना शुरू कर दिया है. इसके लिए बीजेपी का प्रयास है कि जल्द से जल्द मनोनीत सदस्यों की संख्या को पूरा किया जा सके, वो भी अपने समर्थन में; ताकि सहयोगी दलों पर जो निर्भरता है, वो कम हो सके.

राज्‍यसभा में मनोनीत सांसदों का गणित

नियम के अनुसार, राज्यसभा में राष्ट्रपति द्वारा 12 सदस्यों को मनोनीत किया जाता है. अभी राज्‍यसभा में फिलहाल 7 सांसद ऐसे हैं, जो अभी तक गुटनिरपेक्ष बने रहे हैं. इसके अलावा राज्यसभा में 19 पद खाली हैं. इन 19 में 4 मनोनीत सदस्‍य हैं, 4 जम्मू-कश्मीर से आने वाले सांसद होते हैं. इनके अलावा असम, बिहार और महाराष्ट्र से 2-2 और हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान व त्रिपुरा से 1-1 है. अगर इन 19 सीटों को जल्‍द ही भर दिया जाता है तो इसमें से संभवत: 8 सीट एनडीए के खाते में आएंगी. जिसके बाद राज्यसभा में एनडीए की संख्‍या 109 हो जाएगी.

दूसरी ओर कांग्रेस को एक सीट मिलने की संभावना है, जबकि अन्य विपक्षी गठबंधन ( इंडिया ) को 3 राज्‍यसभा सीटें बढ़ने की उम्‍मीद है.

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