पश्चिम बंगाल CM के PM मोदी को लिखे दूसरे पत्र पर BJP का पलटवार, कहा- 'ममता बनर्जी झूठी हैं'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा लिखे गए दूसरे पत्र पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी ने ममता बनर्जी को 'झूठा' करार दिया.
West Bengal CM Mamata Banerjee Letter to PM Modi: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या पर जारी विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा लिखे गए दूसरे पत्र पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी ने शुक्रवार को ममता बनर्जी को 'झूठा' करार दिया.
बता दें कि अपने पत्र में, ममता ने पीएम मोदी को 22 अगस्त को भेजे गए अपने पहले पत्र के बारे में याद दिलाया, जिसमें उन्होंने बलात्कार की घटनाओं के खिलाफ एक सख्त केंद्रीय कानून और अपराधियों को कठोर सजा की आवश्यकता पर बल दिया था और चिंता व्यक्त की कि उन्हें प्रधानमंत्री से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. ममता ने अपने पत्र में लिखा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर आपकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने अपने पत्र पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी के जवाब को स्वीकार किया. लेकिन मंत्री के जवाब को "सामान्य" कहा, जो मुद्दे की गंभीरता को बमुश्किल दर्शाता है. ममता ने अपने पत्र में लिखा कि मेरा मानना है कि भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्री से प्राप्त इस सामान्य उत्तर में विषय की गंभीरता और समाज के लिए इसकी प्रासंगिकता को पर्याप्त रूप से नहीं समझा गया है.
I have written this letter to the Hon'ble Prime Minister of India in connection with an earlier letter of mine to him. This is a second letter in that reference. pic.twitter.com/5GXKaX6EOZ
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 30, 2024
वहीं, भाजपा ने ममता के पत्र पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उनसे प्रधानमंत्री को पत्र लिखने की बजाय केंद्रीय मंत्री द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देने को कहा. भाजपा नेता अमित मालवीय ने पीएम मोदी को लिखे पत्र के लिए ममता की आलोचना करते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि ममता बनर्जी एक झूठी हैं. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने 25 अगस्त 2024 को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को जवाब दिया. अपने पत्र के बिंदु 4 में उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया है कि पश्चिम बंगाल सरकार बलात्कार और पॉक्सो से संबंधित मामलों को निपटाने के लिए एक भी फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित नहीं कर रही है.
भाजपा नेता ने मंत्री के जवाब के प्रासंगिक हिस्से को उद्धृत करते हुए कहा कि यह ममता बनर्जी का दायित्व है कि वे बताएं कि पश्चिम बंगाल सरकार ने महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए मौजूद कड़े नियमों और विनियमों को लागू करने के लिए कुछ क्यों नहीं किया है. पत्र लिखना बंद करें. सवालों के जवाब दें. आप जवाबदेह हैं.
Mamata Banerjee is a LIAR.
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 30, 2024
Smt Annapurna Devi, Union Minister of Women and Child Development, responded to West Bengal Chief Minister on 25th Aug 2024.
In her letter, in point 4, she specifically mentions West Bengal Govt NOT setting up even a single Fast Track Court for… https://t.co/mtNgQNLlnx pic.twitter.com/bu2Tf9Ptm2
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने ममता बनर्जी से ईमानदारी और निष्ठा से काम करने को कहा. उन्होंने कहा कि पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखना पर्याप्त नहीं है. एक्स पर एक पोस्ट में तरुण चुग ने लिखा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हमारे देश में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. मोदी के नेतृत्व में, भारतीय न्याय संहिता के माध्यम से महत्वपूर्ण सुधार पेश किए गए हैं. हालांकि, अगर कोई राज्य अपराधियों को बचाने के लिए दृढ़ है, तो यह न्याय प्रणाली को कमजोर करता है. बंगाल के लोगों को गुमराह करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखना पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं है. राज्य प्रशासन को ऐसी स्थितियों में ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करना चाहिए, ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके.
इससे पहले, अन्नपूर्णा देवी ने अपने जवाब में कहा था कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं की स्थिति बिगड़ती जा रही है और महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट और आपातकालीन हेल्पलाइन जैसी केंद्रीय योजनाओं को लागू करने में विफल रहने के लिए ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की थी. केंद्रीय मंत्री ने यह भी आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल को आवंटित किए गए फास्ट-ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) अभी तक राज्य में चालू नहीं हुए हैं.
वहीं, ममता ने मंत्री के आरोपों का जवाब देते हुए लिखा कि राज्य सरकार ने 10 विशेष POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) अदालतों को मंजूरी दी है. उन्होंने आगे उल्लेख किया कि पश्चिम बंगाल में राज्य के वित्तपोषण पर 88 फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतें और 62 POCSO-नामित अदालतें पहले से ही काम कर रही हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह भी लिखा कि राज्य में हेल्पलाइन नंबर 112 और 1098 काम कर रहे हैं और इसके अलावा, आपातकालीन स्थितियों में डायल-100 का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है.